बिहारः मैं वही करूंगा जो मुझे करना है, मेरे पास कम समय बचा है!
पटना। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने बयानों को लेकर विवादों में बने हुए जीतन राम मांझी ने अड़ियल रूप विरोधियों को दिखाया है। मांझी ने पार्टी की चेतावनी को भी नजर अंदाज करते हुए कहा कि मैं किसी के आगे झुकने वाला नहीं हूं। मैं वहीं करूंगा जो मुझे करना है। मैं जानता हूं कि मेरी कुर्सी जाने में कुछ ही समय बचा है।
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बयान देकर सियासी बवाल खड़े कर दिए। अभी हाल ही में मांझी ने कहा था कि सवर्ण विदेशी हैं और दलित देशी हैं। जिस पर मुख्यमंत्री की काफी आलोचना हुई थी।
मांझी
के
तमाम
विवादित
बयान
-
बिहार
में
बाढ़
आने
के
दौरान
मुख्यमंत्री
मांझी
ने
कहा
था
कि
बाढ़
जैसी
विपरीत
परिस्थिति
में
जिंदा
रहने
के
लिए
चूहा
खाकर
जिंदा
रहा
जा
सकता
है।
-मांझी
ने
अपने
निर्वाचन
क्षेत्र
मखदुमपुर
में
बिजली
आपूर्ति
नहीं
होने
पर
विरोध
कर
रहे
ग्रामीणों
पर
गुस्सा
करते
हुए
कहा
कि
मैं
आपकी
इस
गीदड़
भक्की
से
डरने
वाला
नहीं
हूं।
मैं
आपके
वोट
से
नहीं
जीतता
हूं।
-गोपालगंज
में
मुख्यमंत्री५
मांझी
ने
महिला
विरोधी
बयान
दिया
बिहार
के
जवान
आदमी
काम
की
तलाश
में
राज्य
से
बाहर
चले
जाते
थे
औऱ
साल
भर
बाद
आते
थे।
तब
आपकी
पत्नी
घर
पर
क्या
करती
थी
यह
सोचने
की
बात
है।
-बिहार
के
पूर्वी
चंपारण
जिले
के
मोतिहारी
में
चिकित्सक
पर
टिप्पणी
करते
हुए
मुख्यमंत्री
मांझी
ने
कहा
कि
अगर
गांव
में
इलाज
में
गरीबों
के
साथ
खिलवाड़
हुआ
तो
वह
दोषी
का
हाथ
काट
देंगे।
-खाद्यान्न
व्यवसायी
संघ
की
ओर
से
आयोजित
एक
कार्यक्रम
में
मांझी
ने
कहा
था
कि
मुझे
पता
है
कि
छोटे
व्यापारी
लाभ
के
लिए
जमाखोरी
और
कालाबाजारी
में
लिप्त
होते
हैं
ताकिवे
अपने
परिवार
का
भरण
पोषण
कर
सकें।
-एक
कार्यक्रम
में
उन्होंने
शराब
पीने
की
सलाह
देते
हुए
कहा
कि
दलित
दिनभर
काम
करके
घर
लौटता
है
और
रात
में
खाना
खाने
के
बाद
थोड़ी
शराब
पी
लेता
है
तो
मैं
इसे
गलत
नहीं
मानता
हूं।