बिहार विधानसभा चुनाव: इस बार लिखा जा रहा है नया इतिहास
पटना (मुकुन्द सिहं)। 16वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव के पहले चरण मे निर्वाचन आयोग से लेकर राजनीतिक दलों ने भी कई मायने मे नई इतिहास लिखने मे सफलता हासिल की। मतदाताओं को पहली बार प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह के साथ फोटो देखकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का बटन दबाने का मैका मिला। पहली बार वोट देने के बाद इवीएम से एक पर्ची निकली, जिसमे उम्मीदवारो का नाम, क्रमांक और चुनाव चिन्ह दर्ज था।
बिहार विधानसभा चुनाव में छह X-Factors
इससे मतदाताओं को यह पता चला कि उसका मत वांधित उम्मीदवार के पक्ष मे गया या नहीं। युवाओं को मतदान के प्रति प्रेरित करने के लिए फेसबुक, ट्विटर और व्हाटस-अप के जरिए शिकायत करने और जानकारी हासिल करने सुविधाएं मुहैया कराई गई। वही पहली बार मतदान केन्द्र को नो स्मोकिंग जोन घोषित किया गया।
नक्सल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पहली बार कैमरे से लैस ड्रोन विमान उपयोग मे लाए गए। मतदान प्रक्रिया पुरी तरह स्वच्छ एवं पारदर्शी बनाने के लिए सभी केन्द्रों से बिहार पुलिस को बाहर रखा गया। वहीं ऐतिहासिक संख्या मे सीपीएफ की तैनाती की गई। समाधान सॉफ्टवेयर के जरिए जिला मुख्यालय से लेकर विधानसभा क्षेत्रवार आयोग की नजर रही। वहीं बिहार की राजनीति मे पहली बार भाजपा बड़े भाई की भूमिका मे बाहर आई है। सर्वाधिक 160 सिटों पर चुनाव लड़ रही है। पहली बार धुर बिरोधी पार्टियां जदयू, राजद, और कांग्रेस एक साथ मिल कर चुनाव लड़ रही है।