भोपाल जेल में आतंकी उड़ा रहे थे काजू-किशमिश, गृह मंत्री को अंदर के आदमी पर शक
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि आतंकियों के जेल से भागने में अंदर के ही किसी बड़े नेटवर्क ने उनकी मदद की थी।
भोपाल। भोपाल जेल से स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकवादियों के भागने और बाद में मार गिराए जाने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एक ताजा खुलासा होश उड़ा देने वाला है।
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जी हां मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि आतंकियों के जेल से भागने में अंदर के ही किसी बड़े नेटवर्क ने उनकी मदद की थी। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ये आठों आतंकवादी किसी बड़ी वारदात की साजिश रच रहे थे और अगर यह भागने में कामयाब हो जाते तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होता।
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सिमी के आठ आतंकियों के भागने और एनकाउंटर के बाद उसी जेल में बंद 21 आतंकियों की सेल में सर्च अभियान चलाया गया। जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस सर्च अभियान में जेल अधिकारियों को बैरक से काफी सामान मिला है। इनमें काजू, बादाम, किशमिश, खजूर और खाना बनाने के बर्तन के अलावा सिगड़ी (अंगीठी) भी है। दैनिक भाष्कर में छपी खबर की मानें तो आतंकी अपने बैरक में ही मनपसंद खाना बनाते थे।
पूर्व IG जेल ने सरकार पर लगाए सवालिया निशान
जेल की सुरक्षा में चूक पर पूर्व आईजी जेल ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पूर्व आईजी जीके अग्रवाल ने कहा है कि उन्होंने दो साल पहले ही सरकार को चिट्ठी लिखकर जेल सुरक्षा की खामियां गिनाई थी। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कई खामियों की तरफ इशारा किया था जिनमें जेल की खराब सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की बुरी हालत का ज़िक्र था। जीके अग्रवाल ने ये चिट्ठी साल 2014 में लिखी थी।
अग्रवाल ने राज्य के मुख्य सचिव अंथोनी देसा को लिखी चिट्ठी में यहां तक कह दिया था कि भगवान एक बार मदद करता है बार बार नहीं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जीके अग्रवाल का दावा है कि भोपाल जेल की सुरक्षा खामी के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुफिया ब्यूरो जानते थे। हालांकि, उनका ये भी कहना है कि उनकी इस चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जीके अग्रवाल ने ये चिट्ठी खंडा जेल से 6 सिमी के आतंकियों के भागने के बाद लिखी थी।