ISIS के लिए भारत में वर्षों पहले तैयार हो चुकी थी जमीन
नई दिल्ली। भारत आईएसआईएस से जुड़े एक मॉड्यूल की जांच में लगी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आईएसआईएस से पहले भी एक संगठन ऐसा था जो युवाओं का 'ब्रेनवॉश' करके उसे चरमपंथ की ओर मोड़ने में लगा था। चार्जशीट में कहा गया कि आईएसआईएस आज भले ही एक चौंकाने वाली बात लग रही हो लेकिन इससे पहले तबलिघी जमात और जमात-ए-इस्लामी ये दो संगठन थे जो युवाओं को चरमपंथ के लिए प्रेरित करते थे।
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आईबी ने दी थी चेतावनी
इंटेलीजेंस ब्यूरों (आईबी) की ओर से इन दोनों ही संगठनों को लेकर चेतावनी दी जाती रही हैं। आईबी की मानें तो यह कहना पूरी तरह से गलत होगा कि आईएसआईएस ने ही युवाओं को चरमपंथ की ओर बढ़ाया है। पिछले कई वर्षों से आईएसआईएस के लिए जमीन तैयार की गई थी।
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मस्जिदों में बंटता था मैटेरियल
एनआईए की चार्जशीट से पहले आईएसआईएस के देश में आने से पहले तबलिघी के सदस्य कई तरह का प्रपोगेंडा मैटेरियल युवाओं के बीच बांटने में लगे थे। उस समय इस तरह का मैटेरियल इंटरनेट पर मुहैया नहीं था। कुछ चुनी हुई मस्जिदों में पैम्फेलेट्स बांटे जाते थे और सीडी में इस तरह का मैटेरियल लोगों के बीच पहुंचाया जाता था।
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मौलाना मसूद का सहारा
एनआईए की इस चार्जशीट में मौलाना मसूद अजहर का भी जिक्र है। चार्जशीट के मुताबिक उसकी स्पीच युवाओं को प्रभावित करने में लगीं थी। इसके अलावा हिज्रा, जेहाद के मसाइल, अल फुरकान वन मिज्जान, अफगान जेहाद और वज्ब-ए-हिंद का शहबाज इस तरह के साहित्यों को युवाओं के बीच बांटा गया।