बीफ बैन पर जारी है बवाल ,अब IIT के छात्रों ने मनाया 'बीफ फेस्ट'
रविवार को रात में आयोजित इस बीफ फेस्टिवल में करीब 50 छात्रों ने हिस्सा लिया था।
नई दिल्ली। बीफ बैन का विरोध केरल से लेकर तमिलनाडु तक हो रहा है। रविवार को आईआईटी मद्रास के छात्रों ने बीफ पार्टी का आयोजन किया जिसमे करीब 50 छात्रों ने हिस्सा लिया था। तस्वीरों आईआईटी छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस के लॉन में बीफ पार्टी को एंजॉय करते देखा जा सकता है।
IIT छात्रों ने मनाया 'बीफ फेस्ट'
दरअसल बूचड़खानों और मवेशियों की बिक्री पर सरकार द्वारा लगाए गए बैन के विरोध में बीफ फेस्टिवल आइआइटी मद्रास कैंपस में आयोजित किया गया था। रविवार को रात में आयोजित इस बीफ फेस्टिवल में करीब 50 छात्रों ने हिस्सा लिया था।
SFI छात्रों ने बीफ पार्टी का आयोजन किया
बीफ पर बैन का विरोध तूल पकड़ता जा रहा है इससे पहले 27 मई को त्रिवेंद्रम में एसएफआई के छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर बीफ पार्टी का आयोजन किया था। इतना ही नहीं केरल में कई जगह केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में बीफ पार्टी का आयोजन किया जा चुका है।
केरल में हो रहा है विरोध
केरल में जगह-जगह इस कानून को लेकर प्रदर्शन किए गए। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) भी इस मामले पर तीखा विरोध जता रही है। पार्टी का कहना है कि ये कानून ना सिर्फ ये लोगों की खाने-पीने की आजादी में हस्तक्षेप है बल्कि ये एक बड़े वर्ग के कारोबार पर भी बुरा असर डालेगा। सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी सीतारा येचुरी ने कहा कि अगर किसान बूढ़े पशु बेच नहीं पाएंगे तो फिर वो जवान पशु कैसे खरीदेंगे, ये उन पर एक भार हो जाएंगे, जो उनकी माली हालत को प्रभावित करेगा। ऐसे में किसानों के लिए ये काला कानून है।
क्या है पशुओं के लेकर नया कानून?
केंद्र सरकार ने एक नए कानून के जरिए काटने के लिए पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017 को अधिसूचित किया है।अधिसूचना के मुताबिक, पशु बाजार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी शख्स बाजार में अवयस्क पशु को बिक्री के लिए न लेकर आए। किसी भी शख्स को पशु बाजार में मवेशी को लाने की इजाजत नहीं होगी, जबतक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित यह लिखित घोषणा-पत्र न दे दे, जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो। यह भी स्पष्ट करना होगा कि मवेशी को काटने के लिए नहीं बेचा जा रहा है।