फिर से घाटी को दंगों और कर्फ्यू की आग में झोंकने को तैयार हुर्रियत
आने वाल माह में हुर्रियत कांफ्रेंस की वजह से कश्मीर में फैलेगा और विरोध। इंटेलीजेंस ब्यूरों (आईबी) ने जारी की चेतावनी।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से शांति है लेकिन लगता है कि यह शांति हुर्रियत नेताओं का पसंद नहीं आ रही है। हुर्रियत ने घाटी में फिर से विरोध और अशांति की आग को फैलाने की साजिश को फिर से तैयार कर ली है। इंटेलीजेंस ब्यूरों (आईबी) ने अपनी एक वॉर्निंग में यह बात कही है।
पढ़ें-आतंकियों को भारत में घुसपैठ का नया प्लान बता रहे जनरल राहील
फंड इकट्ठा करने में जुटी हुर्रियत
आईबी की ओर से कहा गया है कि हुर्रियत के नेता फिर से कुछ बड़ा प्लान कर रहे हैं। नोटबंदी के बाद से घाटी में हुर्रियत की हालत खराब है। धीरे-धीरे अब हुर्रियत फिर से फंड इकट्ठा करने में लग गई है।
जहां दूसरी ओर हुर्रियत ने नए सिरे से अशांति की तैयारी कर ली है तो दूसरी ओर पाकिस्तान की ओर से भी घुसपैठ का नया प्लान तैयार हो रहा है।
आईबी ने कहा है कि इन दोनों का एक साथ आना काफी खतरनाक है और पुलिस को अब हाई अलर्ट पर रहना होगा।
पढ़ें-एलओसी पर जवानों का सिर कलम करती पाक की बैट टीम
बोर्ड परीक्षाओं के होने से परेशान हुर्रियत
हुर्रियत एक बार फिर से घाटी में वापसी की कोशिशें कर रही है और पिछले कुछ हफ्तों के दौरान इस तरह की कुछ साजिशों का भांडाफोड़ हुआ है।
बोर्ड परीक्षाओं का सफल संचालन हुर्रियत के लिए बड़ी असफलता है। हुर्रियत नेताओं ने सारी कोशिशें की थीं कि ये परीक्षाएं न होने पाएं।
आईबी अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में हुर्रियत नेताओं को कैश की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
पढ़ें-नोटबंदी के फैसले से कश्मीर में पटरी पर लौटी जिंदगी
हुर्रियत नेताओं पर नजर
जो भी पैसा उन्हें मिला था वह ब्लैक मनी था और आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट को बैन कर दिया।
अब हुर्रियत नेता घाटी में फिर से अशांति के लिए पैसा इकट्ठा करने की कोशिशों में लगे हैं। फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट भी अलगावावादी नेताओं की ओर से हो रहे लेन-देन पर नजर रखे हुए है।