बांग्लादेश ने भी लगाई सारधा और बर्दवान के कनेक्शन पर मुहर!
कोलकाता। दो अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में हुए ब्लास्ट से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां बांग्लादेश ने भारत की एजेंसियों को कुछ अहम जानकारियां मुहैया कराई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन जानकारियों के बाद सारधा घोटाले के भी राज सामने आ सकते हैं। वहीं इन जानकारियाें के बाद अब ऐसा लगने लगा है कि इस साजिश को अंजाम देने के मकसद से ही इतना बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया।
केंद्र सरकार पर लगाया था साजिश का आरोप
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार, उनकी सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है। इसके साथ ही साथ ममता ने एनएसए अजित डोवाल पर भी कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन जो जानकारियां बांग्लादेश की ओर से भारत को मुहैया कराई गई हैं, वह पूरी तरह से ममता बनर्जी को गलत साबित करती हैं।
ममता की नाक के नीचे पनपा जेएमबी
- जो जानकारियां बांग्लादेश की ओर से भारत को दी गई हैं उनमें सबसे अहम है साजिश के लिए दी गई वित्तीय मदद।
- बांग्लादेश की मानें तो कई करोड़ों रुपयों को भारत से बांग्लादेश स्थित इस्लामिक बैंक में जमा कराए गए।
- इन रुपयों को जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के मॉड्यूल को पैसा देने में प्रयोग किया गया।
- पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में रुपयों को ट्रांसफर किया गया।
- साजिश के लिए जो रकम जुटाई गई, उसे इस मंशा के साथ अलग-अलग बैंको में जमा कराया गया था कि इसे फिर आगे 18 किश्तों में जेएमबी के असम और पश्चिम बंगाल स्थित मॉड्यूल्स में बांटा जा सके।
सारधा के 650 करोड़ रुपए बांग्लादेश में
- पश्चिम बंगाल से वर्ष 2011 के छह माह के बाद सारदा घोटाले की रकम को बाहर भेजना शुरू किया गया।
- करीब 650 करोड़ रुपए की रकम को बांग्लादेश में रखा गया।
- इस पूरे संचालन को जमात-ए-इस्लामी के नेटवर्क की नजर में अंजाम दिया जा रहा था। जमात-ए-इस्लामी वह संगठन है जिसके भारत में कई समर्थक मौजूद हैं।
- बांग्लादेश की एजेंसियों की मानें तो करीब 18 करोड़ रुपए असम और पश्चिम बंगाल में वापस भेजा गया।
- ज्यादातर ट्रांसफर असम के लिए हुए और फिर रकम पश्चिम बंगाल भेजी गई।
पश्चिम बंगाल में आतंकियों को मिला सरंक्षण
- बांग्लादेश के जांचकर्ताओं की मानें जो आतंकियों को पश्चिम बंगाल में सुरक्षा और आसरा मिला।
- पश्चिम बंगाल में इन आतंकियों को जो संरक्षण मिला उसकी वजह से इन्हें राज्य में एक नई ताकत मिली।
- जांचकर्ताओं की मानें तो साजिद इस पूरे संचालन का सबसे अहम व्यक्ति था।
- साजिद ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश मॉड्यूल्स के बीच को-ऑर्डिनेशन का काम किया।
- बांग्लादेश के चिटगांव के जरिए इन आतंकियों को राज्य में प्रवेश कराया गया और फिर यहीं से उन्हें बाहर भेज दिया गया।
एनआईए लेगी ईडी की मदद
एनआईए अब ईडी से मनी ट्रांजैक्शन से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां मांगेगी। ईडी और सीबीआई दोनों को ही अपनी जांच में यह बात पता चली है कि सारधा घोटाले की एक बड़ी रकम को बांग्लादेश भेजा गया। न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि इस पैसे को दूसरे देशों में भी भेजा गया है।
जहां ईडी एनआईए को मनीट्रेल से जुड़ी कुछ जानकारियां दे सकती है तो वहीं सीबीआई सारधा घोटाले के आरोपियों से इस बाबत पूछताछ करेगी कि कैसे इस रकम को भारत से बाहर भेजा गया।