आजम खान की मुसलमानों को चेतावनी, अखिलेश को ना पहनाएं मुस्लिम टोपी
आजम ने स्टेट हज कमेटी के जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए अबकी बार मुख्यमंत्री को कोई टोपी न पहनाने की नसीहत दी। बीते वर्ष हज उड़ान के समय मुख्यमंत्री आजमीन को रवाना करने हज हाउस आए थे। उस समय कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री को टोपी पहना दी थी। इसी बात को दोहराते हुए आजम खां ने हज कमेटी के जिम्मेदारों को यह नसीहत दी कि इस बार हज हाउस में जब मुख्यमंत्री आएं, तो उन्हें टोपी नहीं पहनाई जाए। उन्होंने कहा कि यह दिखावा अच्छा नहीं लगता है।
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आजम ने कहा कि देश के 80 फीसद नागरिक जो बदलाव चाहते थे वह हो गया, लेकिन 20 फीसद आबादी अपने वोट का इस्तेमाल नहीं कर पाई। इस बार लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोट पूरी तरह बिखर गया, जिसका लाभ दूसरों को मिला। आजम ने बंद लफ्जों में मुस्लिम उलेमा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि समय-समय पर मुस्लिम उलेमा अपना रंग बदल लेते हैं, जो हम आप के बस की बात नहीं है। उन्होंने मौजूदा परिदृश्य में हो रहे बदलाव का जिक्र करते हुए हालात का सामना करने की भी नसीहत दी।
उन्होंने वहां मौजूद मुसलमानों से कहा कि लोकसभा चुनाव हो चुके हैं और हम इसमें कहां है यह बताने की जरूरत नहीं हैं। हमको मौजूदा हालात में कैसे रहना है, क्या करना है और इसकी जद से कैसे बाहर आना है इस पर विचार करना होगा।
उन्होंने कहा हमको को एकजुट होना पड़ेगा, नहीं तो मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। हम खुशफहमी में जरा भी न रहें। हमको पुणे की घटना से सबक लेना होगा, जहां पर एक बेगुनाह को मौत से घाट से उतार दिया गया। इस मामले में एक ऐसे सांसद लिप्त हैं जिनके ऊपर हत्या तथा अन्य बहुत से मुकदमे दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों को मेरी बात बहुत कड़वी लगती है लेकिन मैं सच बोलता हूं। गंभीर मर्ज को कभी भी मीठी गोली से जल्दी ठीक नहीं किया जा सकता। गंभीर मर्ज सिर्फ कड़वी गोली से ही जल्दी ठीक होते हैं। समय आ गया है। हमको एकजुट होना पड़ेगा। जात बिरादरी से ऊपर उठकर कौम के लिए काम करें। कुछ इसी तरह आजम मीडिया से भी पेश आए व सरकार के कामकाज का गुणगान किया।