फिर सुलगा किताबी बम, पीएम मनमोहन सिंह देने वाले थे इस्तीफा पर...
नई दिल्ली। संजय बारू का किताबी बम एक बार फिर सुलग उठा है और निकली है ऐसी चिंगारी, जो सियासत में आग भड़काने में काबू है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जब दागी नेताओं को चुनाव लड़ने की इजाजत देने वाला बिल फाड़ा था तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी काफी आहत हुई थीं और चाहती थीं कि उनके पिता इस्तीफा दे दें। ऐसा दावा पीएम के पूर्व सलाहकार संजय बारू ने किया है।
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विवादों में घिरी अपनी किताब 'द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के मुंबई में लोकार्पण के वक्त बारू ने बुधवार को कहा कि 2009 में यूपीए के दोबारा सत्ता में आने के बाद उन्होंने पीएम को कई बार इस्तीफा देने की सलाह दी थी।
बारू के मुताबिक राहुल गांधी के बिल फाड़ने की घटना के बाद, 'आखिरकार मैं टीवी पर आया और मैंने कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। मुझे उनकी बेटी की ओर से एक मेसेज मिला, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुझसे सहमत हैं।' बारू ने हालांकि यह नहीं बताया कि पीएम की दोनों में से किस बेटी ने अपने पिता के इस्तीफा देने की बात पर सहमति जताई थी।
बारू ने कहा कि प्रधानमंत्री मानते थे कि 2009 लोकसभा चुनावों में यूपीए की जीत उनकी जीत थी। वह बताते हैं, 'मैंने प्रधानमंत्री को कभी टांग पर टांग चढ़ाकर बैठे नहीं देखा था। लेकिन उस दिन (2 जून 2009) जब मैं उनसे मिला तो वह अपनी टांगें बांधकर बैठे हुए थे और जीत के बारे में बात कर रहे थे।
लेकिन उन्हें किसी ने उस जीत का श्रेय नहीं दिया। मेरे दोस्त पृथ्वीराज चव्हाण, जिन्हें सिंह ही पीएमओ में लाए थे, उन्होंने भी कहा कि जीत का श्रेय राहुल गांधी को जाता है।'बारू के मुताबिक उनकी किताब भारतीय राजनीति में एक अनूठे प्रयोग का विश्लेषण है, 'ऐसा प्रयोग जो पहले पांच साल सफल रहा और उसके बाद के पांच साल में विफल हो गया।'
बारू ने एक और घटना का जिक्र किया जो किताब में नहीं है। उन्होंने बताया कि 2007 में जब लक्ष्मी मित्तल फ्रांसीसी कंपनी आर्सेलर मित्तल का अधिग्रहण कर रहे थे, तब प्रधानमंत्री ने मित्तल के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति से बात की थी।