घाटी में कर्फ्यू का एक माह पूरा और हालात जस के तस
श्रीनगर। पिछले आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी का माहौल जो सुलगा है तो अभी तक शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। घाटी में हिंसा को काबू में करने के लिए कर्फ्यू लगाया गया और यह कर्फ्यू सोमवार को 31वें दिन में पहुंच गया। एक माह बाद भी घाटी के हालात जस के तस हैं। स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मुलाकात भी हुई है।
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आंकड़ों के जरिए घाटी के हालात
- वानी की मौत के बाद से घाटी में जारी हिंसा में करीब 56 लोगों की मौत हो चुकी है।
- पुलिस और सुरक्षाबलों ने घाटी में करीब 1000 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।
- कश्मीर के आईजी एसजेएम गिलानी बताया कि एक माह के दौरान हिंसा के 1018 घटनाएं रिकॉर्ड हुईं।
- वहीं घाटी के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 1030 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
- पुलिस स्टेशनों समेत 80 सरकारी संस्थाओं को या तो जला दिया गया या फिर उन्हें नुकसान पहुंचाया गया।
- 3300 पुलिस और सीआरपीएफ जवान जुलाई से अब तक घायल हुए और दो पुलिस कर्मियों की मौत हो गई।
- श्रीनगर समेत साउथ कश्मीर और घाटी के बाकी हिस्सों में अभी तक कर्फ्यू जारी है।
- साउथ कश्मीर में शुक्रवार को आमीर बशीर लोन नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
- घाटी में एक साथ चार या चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगी हुई है।
- अलगाववादी नेताओं के बंद के चलते घाटी में स्कूल, कॉलेज, दुकानें, पेट्रोल पंप और सभी प्राइवेट ऑफिस बंद हैं।
- नौ जुलाई से बंद नेशनल हाइवे को पूरे एक माह बाद यानी नौ अगस्त को खोला जाएगा।
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जारी है सारे प्रतिबंध
सोमवार को भी घाटी के कई इलाकों में कर्फ्यू और प्रतिबंध जारी हैं जिसकी वजह से आम जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा में कर्फ्यू है, जबकि श्रीनगर, सोपोर, बारामूला, हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में प्रतिबंध जारी हैं।
अलगाववादियों ने श्रीनगर में सिविल सेक्रिटेरियट और बाकी सरकार ऑफिसों तक जाने वाला रास्ता ब्लॉक करने को कहा है। दूसरी ओर सरकार इस पूरे मसले पर चुप्पी साधे हुए है। सोमवार को राज्यसभा में कांग्रेस ने सरकार को नोटिस दिया था।