बड़ा खुलासा: मंत्री पद रहते हुए सौरभ पटेल ने परिवार की कंपनियों को दिया आर्थिक लाभ
पीएम मोदी के वफादार सौरभ पटेल ने मंत्री पद पर रहते हुए गुजरात की 8 आयल कंपनियां और गैस खोजने वाली कंपनियां के साथ अपने वित्तीय हित के लिए काम किया।
नई दिल्ली। एक बड़ी खबर गुजरात से है, जहां बीजेपी पार्टी से चार बार विधायक और पीएम मोदी की गुड लिस्ट में शामिल कद्दवार नेता सौरभ पटेल के ऊपर मंत्री पद पर रहते हुए अपने परिवार वालों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप लगा है। मालूम हो कि सौरभ पटेल गुजरात सरकार में 14 साल तक ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स मंत्री रहे है।
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परिवार को पहुंचाया आर्थिक लाभ
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सौरभ पटेल ने अपने मंत्री पद के दौरान गुजरात की 8 सार्वजानिक स्वामित्व वाली आयल कंपनियां और गैस खोजने वाली कंपनियों में अपनी कंपनी सूर्यजा को हिस्सेदारी दिलाई, जिसमें उन्हें अरबों का मुनाफा हुआ है।
2008 में सौरभ पटेल के भाई-भाभी ने खोली कंपनी
खबर के अनुसार साल 2008 में सौरभ पटेल जब मोदी मंत्रालय में ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स मंत्री थे तब उनके भाई मेहुल दलाल और भाभी निकिता दलाल ने 'सूर्यजा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी खोली थी जिसमें प्रत्येक को 5000 शेयर दिए गए थे और इसके बाद साल 2010 में सौरभ पटेल और उनके बेटे अभय दलाल को भी कंपनी में 5000 शेयर दिए गए थे और इसी कंपनी के जरिए सौरभ पटेल ने तेल और गैस की खोज के बिजनेस में एंट्री की थी।
बड़ी कपंनियों से सौदेबाजी
इस दौरान सुर्यजा ने केंद्र और राज्य के सार्वजनकि स्वामित्व वाली आठ तेल ब्लॉक से कॉन्ट्रैक्ट साइन किये। इन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में ओएनजीसी, HOEC और जीएसपीसी शामिल है।
पता कहीं का, काम कहीं और
गौर करने वाली बात ये है कि इस कंपनी में सौरभ पटेल और उनके बेटे ने अपना पता इसमें नंदन पंचवटी, एलिसब्रिज अहमदाबाद दिया था। ये सब तब हुआ जब सौरभ पटेल सत्ता के ऊर्जावान नेता और मंत्री पद पर थे। लेकिन जब इंडियन एक्सप्रेस की टीम इस पते पर गई तो उसे पता चला कि अब कंपनी का दफ्तर गुलबाई टेकरा पंचवटी, अहमदाबाद में है।
आरोपों से किया इंकार कहा, छवि खराब करने की कोशिश
इंडियन एक्सप्रेस की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब में सौरभ पटेेल ने लिखा, "मैं हैरान हूं और दुखी हूं कि आप जैसे वरिष्ठ पत्रकार जिनका मैं सम्मान करता हूं, उन्होंने इस तरह के सवाल भेजे हैं। यह कुछ नहीं बस मेरी छवि खराब करने की कोशिश है।"
सत्ता का बहुत बड़ा नाम सौरभ पटेल
सौरभ पटेल 2002 से मंत्री थे। अब तक उन्होंने सभी बड़े मंत्रालय संभाले थे, जिसमें वित्त, ऊर्जा, प्रेट्रोकेमिकल और उद्योग शामिल थे। वह वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम का भी मुख्य चेहरा रहे हैं लेकिन जब विजय रुपानी ने 7 अगस्त को गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली तो उन्होंने पटेल को मंत्री पद से हटा दिया। ये काफी चौंकाने वाला कदम था क्योंकि पटेल पीएम मोदी और पूर्व सीएम आनंदीबेन के काफी करीबी और वफादार माने जाते थे।
अंबानी परिवार से रिश्ता
इन सब के साथ-साथ सौरभ पटेल किसी और वजहों से भी चर्चा में रहे हैं। दरअसल, सौरभ का अंबानी परिवार से भी नाता है। वे धीरूभाई अंबानी के बड़े भाई रमनिकभाई अंबानी के दामाद हैं। इस रिश्ते से वे मुकेश और अनिल अंबानी की बहन के पति यानी बहनोई हुए।