केजरीवाल ने दी कायदे-कानून में बंपर छूट: उनके ड्राइवर के पास ही नहीं है ड्राइविंग लाइसेंस
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। बिजली बिल, पानी और कई अन्य जरूरी चीजों में छूट का वादा करने वाली आम आदमी पार्टी अपने इस वादे को निभाए ना निभाए मगर उसने अपने कार्यकर्ताओं को नौकरी देने के वादे जरुर निभा रही है। और इसके लिए उसने नौकरी देने के कायदे-कानून और काबिलियत पर भरी छूट दी है। जी हां मुख्यमंत्री कार्यालय और मंत्रियों से जुड़े चालकों के पास कॉमर्शियल लाइसेंस नहीं है। इतना ही नहीं एक क्लर्क को तो निर्धारित टाइपिंग नहीं आती।
सरकार ने किसी को पढ़ाई पूरी करने, किसी को कॉमर्शियल लाइसेंस बनवाने तो किसी को टाइपिंग सीखने के लिए 3 महीने से लेकर एक साल तक छूट दी गई है। इसमें मुख्यमंत्री के चालक रोहित का नाम भी शामिल है। ड्राइवर के पद पर तीन ऐसे लोगों की नियुक्ति हुई है जिन्हें इस शर्त पर नियुक्ति मिली है कि वे तीन महीने, छह महीने और एक साल में लाइसेंस प्राप्त करेंगे।
मोदी नहीं दे रहे केजरीवाल को मिलने का वक्त
अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के तीन सहयोगियों को सलाहकार बनाकर सवा लाख रुपये वेतन की नौकरी दी है। हालांकि इससे अधिक पदों की स्वीकृति और पूर्व मुख्यमंत्री के पास इससे अधिक कर्मियों की तैनाती का जिक्र भी किया गया है। भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने रोजगार मंत्री से यह प्रश्न पूछा था कि दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ कितने कर्मचारी को टर्मिनस, डाइवर्टेड कैपसिटी, कांट्रैक्ट व वालेंटियर के पद पर, भर्ती के लिए नियमों में क्या छूट मिली है।