गांधी को देश में पूजा जाना दुर्भाग्यपूर्ण, गांधी विदेशी एजेंट थे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मार्केंडेय काटजू के बाद बुकर अवार्ड से सम्मानित प्रख्यात लेखिका अरुंधती राय ने महात्मा गांधी को विदेशी एजेंट करार दिया है। अरुंधती राय ने कहा है कि गांधी विदेशों के निजी चंदे पर काम करने वाले भारत की पहली एनजीओ थे। यही नहीं उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि लोग गांधी को पूजते है।
अरुंधती राय ने अपने लेख में लिखा है कि गांधी जी ने दलितों, महिलाओं और गरीबों के बारे घटिया बातें लिखी हैं। इसके बावजूद भी गांधी को देश में पूजा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। अरुंधती के इस विवादित लेख के बाद हर तरफ उनकी निंदा हो रही है।
वहीं जब अरुंधती से एक युवक ने महात्मा गांधी विदेशी एजेंट नहीं कहने को कहा तो उन्होंने कहा कि मैंने गांधी के बारे में बहुत पढ़ा है। मैंने गांधी के बारे में यह बात तथ्यों के आधार पर कही है। गांधी के ने जो कुछ 1909 से 1946 के बीच लिखा है मेरा कथन उसी पर आधारित है।
अरुंधती ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि यह देश मोदी नहीं टाटा और अंबानी चला रहे हैं। उन्होंने उद्योगपतियों को बनिया करार देते हुए कहा कि ये बनिया मीडिया के जरिए इस देश को चला रहे हैं। अरुंधती रॉय अपनी पुस्तक गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स के लिए दुनियाभर में जानी जाती है।