अरुण जेटली बोले, नोटबंदी के बाद हर लिहाज से सुधरी अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी में सहयोग के लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया, बोले आलोचक गलत साबित हुए
नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले का शुक्रवार यानि 30 दिसंबर को आखिरी दिन है, इस फैसले के खत्म होने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देशभर के लोगों को नोटबंदी के फैसले का समर्थन और सहयोग करने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि हम सही दिशा में चल रहे हैं और देश को नुकसान नहीं बल्कि फायदा हुआ है। नोटबंदी के बाद तकरीबन हर लिहाज से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आया है। नोटबंदी से देश के राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई है। नोटबंदी का विरोध करने वाले गलत साबित हुए हैं, देश की जीडीपी पर किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है।
नोट की कमी नहीं
जेटली ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के चलते कहीं भी किसी तरह की बड़ी घटना नहीं हुई है, लोगों ने सरकार के फैसले का पूरा समर्थन करते हुए अपना सहयोग दिया है। नोटों की कमी पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि रिजर्व बैंक के पास किसी भी तरह की कैश की कोई कमी नहीं है, बड़ी संख्या में पुरानी नोटों को नई नोट से बदल दिया गया है और अब पुरानी नोट और नई नोट के बीच अंतर बहुत कम हो गया है। 500 रुपए के नोट को भी बढ़ावा देने पर जेटली ने जोर दिया।
फिर से कालाधन को जमा होने से रोकना है
वित्तमंत्री ने कहा कि अब 500 रुपए के नोट को अधिक लोगों के बीच भेजा जाएगा, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए हम लगातार कोशिश करेंगे और इस बात पर ध्यान देंगे कि लोग कम से कम कैश का इस्तेमाल करें, इसकी जगह लोग लेनदेन के लिए अन्य संसाधनों जैसे प्लास्टिक मनी, क्रेडिट कार्ड, ई वैलेट,ऑनलाइन बैंकिंग जैसे माध्यमों का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से फिर से कालाधन जमा नहीं होगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। जेटली ने कहा कि लोग अब डिटिजल बैंकिंग की ओर बढ़ रहे हैं और अब हालात पहले की तुलना में सामान्य होने को हैं।
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भारतीय
रिजर्व
बैंक
ने
लोन
का
भुगतान
करने
के
लिए
दिए
30
अतिरिक्त
दिन,
कुल
राहत
हुई
90
दिन
की
हर
क्षेत्र
में
हुआ
फैसला
नोटबंदी
के
फैसले
के
बाद
देश
की
अर्थव्यवस्था
को
नुकसान
पहुंचने
के
सवाल
का
जवाब
देते
हुए
जेटली
ने
कहा
कि
19
दिसंबर
तक
डायरेक्ट
टैक्स
में
14.4
फीसदी
की
बढ़ोत्तरी
हुई
है,
जबकि
इंडायरेक्ट
टैक्स
में
26.2
फीसदी,
केंद्रीय
उत्पाद
शुल्क
में
43.3
फीसदी,
कस्टम
में
6
फीसदी,
म्युचुअल
में
11
फीसदी,
की
बढ़ोत्तरी
दर्ज
की
गई
है।
इसके
अलावा
कृषि
क्षेत्र
में
बढ़ोत्तरी
दर्ज
की
गई
है,
पिछले
वर्ष
की
तुलना
में
रबी
की
फसल
में
6.3
फीसदी
की
बढ़ोत्तरी
हुई
है।
यही
नहीं
लाइफ
इंश्योरेंस,
पेट्रोलियम
की
खपत
में
भी
बढ़ोत्तरी
हुई
है,
इसके
साथ
ही
पर्यटन
को
भी
बढ़ावा
मिला
है।