रणनीति: इंडो-चीन बॉर्डर पर तेजी से सड़क बनाने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच डोकलाम में पिछले करीब 10 हफ्तों से गतिरोध जारी है और अब भारत सरकार ने इस बढ़ते विवाद के बीच एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) को इंडो-चीन बॉर्डर पर रोड़ कंस्ट्रक्शन का निर्माण शुरू करने की अनुमति दे दी है, जो पिछले कई टाइम से बंद पड़ा था। सरकार ने बीआरओ को निर्देश दिए हैं कि 3,409 किमी लंबी इंडो-चीन बॉर्डर पर ठप्प पड़े सड़क निर्माण को फिर से जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
आपको बता दें कि हाल ही में सीएजी ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत और चीन बॉर्डर से लगे 61 प्रोजेक्ट पर काम ठप्प पड़ा है। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने बीआरओ की प्रशासनिक और वित्तीय क्षमता बढ़ाते हुए इन इलाकों में जल्द से काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि तय समय पर मिल्ट्री की जरूरतों को पूरा किया जा सके। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 'विदेशी और स्वदेशी कंस्ट्रक्शन मशीनरी और इक्विपमेंट हासिल करने के लिए बीआरओ की फाइनेंशियल अप्रूवल की पावर 100 करोड़ तक कर दी गई है'।
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भारत-चीन सीमा पर बीआरओ की ताकत को बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि बीआरओ को बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ बातचीत की भी पूरी आजादी दे दी गई है, ताकि काम को जल्द पूरा करने में मदद मिल सके। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अब चीफ इंजीनियर 50 करोड़ तक के कॉन्ट्रैक्ट्स को मंजूरी दे सकता है और एडिशनल डायरेक्टर जनरल 75 करोड़ तक के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे सकता है। वहीं, डीजी 100 करोड़ तक के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे सकता है'।
इस काम के दौरान सुरक्षा बॉर्डर पर सुरक्षा की पूरी नजर रखी जाएगी। इसके लिए मंत्रालय ने एक सॉफ्टवेयर भी डेवलप किया है, जिससे ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। आपको बता दें कि भारत सरकार ने यह निर्णय उस वक्त लिया है, जिस समय डोकलाम मे इंडियन आर्मी और चीन के पीएलए के बीच तनातनी अपने चरम पर है।