'अमरकंटक' के श्राप से खुद को पीएम मोदी ने रखा दूर, जानिए यहां का काला इतिहास
1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जब अमरकंटक के दौरे पर आईं, तो उसके दो साल बाद ही 1984 में उनकी हत्या हो गई थी।
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर विकास पुरुष के नाम से संबोधित किए जाने वाले भारत के पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को अमरकंटक में थे, उन्होंने यहां मां नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए रोडमैप जारी किया।
'अमरकंटक' पर है श्राप, ऐसा माना जाता है
उन्होंने अपने भाषण में इस ओर सबका ध्यान केंद्रित करने की भरपूर कोशिश की लेकिन एक बात जो सबके दिमाग में चल रही थी कि आखिर पीएम मोदी अमरकंटक के श्राप से खुद को कैसे दूर रखेंगे।
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अमरकंटक का एक काला इतिहास
दरअसल अमरकंटक का एक काला इतिहास रहा है, कहा जाता है कि देश का अगर कोई ताकतवर, धनवान या राजनेता इस जगह हवाई मार्ग से आता है तो उसके साथ कुछ ना कुछ गलत जरूर होता है। उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। जिसे पीएम मोदी कितना सही मानते हैं, इसकी सच्चाई तो वो ही जानते होंगे लेकिन यहां आपको जरूर हम ये बता दें कि पीएम मोदी का हेलिकॉप्टर सोमवार को अमरकंटक से 8 किलोमीटर दूर उतारा गया।
सहयोग के बिना ये संभव नहीं
पीएम मोदी वहां से कार के द्वारा अमरकंटक पहुंचे। पीएम ने यहां पर शिवराज सिंह सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि मां नर्मदा का अस्तित्व हम लोगों को हर हाल में बचाना है इसलिए मैं प्रदेशवासियों से अपील करता हूं कि वो इस नेक काम में भऱपूर सहयोग करें क्योंकि उनके सहयोग के बिना ये संभव नहीं।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी
आपको बताते हैं 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जब अमरकंटक के दौरे पर आईं, तो उसके दो साल बाद ही 1984 में उनकी हत्या हो गई थी।
अर्जुन सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह अपने कार्यकाल के दौरान यहां आये थे और बाद में उन्हें कांग्रेस ही छोड़नी पड़ी।
उमा भारती
मौजूदा समय में केंद्र सरकार में मंत्री उमा भारती जब एमपी की सीएम थी, तब 2004 में वह यहां आईं थी, और उसके बाद ही उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी, हालांकि वो केंद्र सरकार में सक्रिय हैं लेकिन एमपी के लिए आज भी उनका दिल कचोटता है।
भैरोसिंह शेखावत
पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमरकंटक हेलिकॉप्टर से आए थे लेकिन उसके बाद उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी।
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