स्मार्ट सिटी: किन कमियों के कारण आपका शहर नहीं है टॉप 20 में
नई दिल्ली। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत जिन शहरों को पहले 20 शहरों में जगह नहीं मिली है, वे निराश न हों। 1 अप्रैल से प्रतिस्पर्धा का दूसरा राउंड शुरू हो रहा है। इस राउंड में 54 शहर भाग ले सकते हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा के आधार पर देश के अगले 20 शहरों को चुना जायेगा। साथ ही आप यहां जान सकते हैं कि किन कमियों के कारण आपका शहर स्मार्ट सिटी की लिस्ट में नहीं आ पाया।
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कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा ने स्मार्ट सिटी मिशन लागू करने के बारे में मिशन में शामिल 97 शहरों के पालिका आयुक्तों तथा सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से बातचीत की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत में सिन्हा ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
इस वार्ता में निम्न बातें सामने निकल कर आयीं-
-
स्मार्ट
सिटी
की
स्पर्धा
व्यापक
मूल्यांकन
कसौटी
पर
कसी
गई
और
इसमें
कंप्टीशन
बहुत
ज्यादा
था।
- जो शहर इस सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं उनके लिये स्पर्धा के दो और अवसर मिलेंगे।
-
अगली
स्पर्धा
के
लिये
प्रत्येक
राज्य
15
अप्रैल,
2016
तक
आवेदन
कर
सकते
हैं।
- स्मार्ट सिटी चैलेंज स्पर्धा का दूसरा राउण्ड 01 अप्रैल, 2016 को शुरू होगा।
-
अगले
राउंड
में
54
शहर
भाग
ले
सकते
हैं।
-
कुछ
शहर
जिनका
नाम
लिस्ट
में
नहीं
था,
असल
में
वे
प्रतिस्पर्धा
के
कई
मानकों
पर
खरे
नहीं
उतरे।
-
कुछ
शहर
सही
योजना
बनाने
में
असफल
रहे।
-
कुछ
शहर
वित्त
पोषण
तथा
टिकाउ
शहरी
नियोजन
की
कमी
के
कारण
पीछे
रह
गये।
-
जिन
शहरों
में
शहरी
गवर्नेंस
की
कमी
और
नगर
निकायों
का
ढीला-ढाला
रवैया
था,
वे
पीछे
रह
गये।
- शहरों तथा राज्यों का आर्थिक पिछड़ापन भी एक बड़ा कारण था, सूची में जगह नहीं बना पाने का।
* भुवनेश्वर- के शीर्ष पर रहने के कारण प्रस्ताव में सशक्त बिन्दु टिकाउ शहरी नियोजन, ठोस आर्थिक पारिस्थितिकी प्रणाली का विकास तथा शाख सम्पन्न वित्तीय नियोजन थे।
* पुणे- के दूसरे स्थान पर रहने के प्रमुख कारण शहरी जीवन की गुणवत्ता, 15 वर्षीय मास्टर प्लान, आर्थिक अवसंरचना और नगर निकाय की तत्परर्ता रहा।
* जयपुर- के तीसरे स्थान पर रहने के कारण शहर में उपलब्ध भूमि के मौद्रिकरण वित्तीय संभावना तथा अनेक वर्गों के लोगों को मिलने वाले लाभ रहा।