सेना के लिए सड़क बनाने वाली GREF बनी आतंकियों का निशाना, जानिए इसके बारे में
इंडियन आर्मी की जम्मू एंड कश्मीर लाइट इंफ्रेंटी के बराबर है जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (जीआरइएफ) दर्जा। यूपीएससी परीक्षा के तहत होता है इंजीनियर्स का सेलेक्शन और बीआरओ के साथ मिलकर काम करती है।
अखनूर। एक बार फिर से जम्मू कश्मीर में आतंकी हमला हुआ है और इस बार निशाना बनी जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (जीआरइएफ)। इस आतंकी हमले में तीन कर्मियों की मौत हो चुकी है। लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास मौजूद जीआरइएफ के कैंप पर रविवार देर रात आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके साथ ही वर्ष 2017 में पहला आतंकी हमला भी रिकॉर्ड में दर्ज हो गया।
बीआरओ को कमजोर करने की कोशिश
शायद आपने इस हमले के साथ जीआरइएफ का नाम भी पहली बार सुना होगा। इस पर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की योजनाओं को सही तरह से एग्जक्यूट कराने या संपन्न कराने का जिम्मा है। जीआरइएफ में इंडियन आर्मी कॉर्प्स के इजींनियर्स को डेप्यूट किया जाता है। जीआरइएफ में सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनेकिल इंजीनियर्स, तीनों ही आते हैं। जीआरईएफ कैंप पर हमला एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है और इस पर हमले के जरिए कहीं न कहीं बीआरओ को भी कमजोर करने की कोशिश की गई है। जीआरइएफ के कर्मियों को सैनिकों के बराबर ही दर्जा दिया जाता है। आइए आपको बताते हैं कि जीआरइएफ क्या है और यह एलओसी या फिर इंडियन आर्मी के लिए कितनी अहम है।
जिन सड़कों से गुजरती सेना उनकी देखरेख करती GRE
- जीआरइएफ को इंडियन आर्मी की जम्मू एंड कश्मीर लाइट इंफ्रेंटी (जैकलाई) के बराबर ही दर्जा मिला हुआ है
- इंडियन आर्मी की इंजीनियरिंग कॉर्प्स के ऑफिसर्स को जीआरईएफ के लिए पोस्ट किया जाता है।
- सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनेकिल इंजीनियर्स के अलावा इसमें एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स, मेडिकल ऑफिसर्स और हिंदी आफिसर्स होते हैं।
- इंजीनियर्स का सेलेक्शन इंजीनयिरिंग कॉलेजों से इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम के तहत होता है।
- इस एग्जाम को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) के तहत कराया जाता है।
- एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स और मेडिकल ऑफिसर्स को भी यूपीएससी के तहत चुना जाता है।
- एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स, मेडिकल ऑफिसर्स को आर्मी एक्ट 1950 और आर्मी रूल्स 1954 के तहत पद दिया जाता है।
- जीआरइएफ भी बॉर्डर और एलओसी से सटे इलाकों के आसपास सड़क बनाने का काम करती है ताकि सेना को परेशानियां न हों।
- भारी बर्फबारी के समय इसकी सबसे अहम जिम्मेदारी होती है बर्फ को हटा कर सड़क को साफ करना।
- पहले ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के तहत फंड मिलता था लेकिन अब इसे डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत फंड दिया जाता है।