सावधान इंडिया! कश्मीर में हो सकती है खून की होली
बेंगलुरु। कश्मीर में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रह हैं, वैसे-वैसे उस पर आतंकी हमले का खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत को आगाह करने के लिये पहले से ही अल-कायदा की पत्रिका ने एक लेख प्रकाशित कर दिया है, जिसका शीर्षक है, "भारतीय सावधान, जल्द ही खून से रंगा जायेगा कश्मीर।"
आतंकी संगठन अल-कायदा की 117 पेजों वाली निजी पत्रिका ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नींद हराम कर दी है। इस पत्रिका में उत्तर प्रदेश्, कश्मीर, बांग्लादेश और चीन का जिक्र किया गया है। चूंकि बर्धवान धमाके की जांच वृहद स्तर पर जारी है, लिहाजा इस पत्रिका में बांग्लादेश का जिक्र किसी बड़ी चीज की ओर इशारा कर रहा है।
जमात-उल-इस्लामी की तरह आवामी लीग को बांग्लादेश से बाहर फेंको... यह बात अलकायदा के प्रमुख आसिम उमर ने कही है। आसिम ने कहा आवामी लीग बांग्लादेश में हिंदू राष्ट्र का निर्माण कर रही है और इसका सबसे बड़ा सबूत ढाका में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को देख आप लगा सकते हैं।
बांग्लादेश के लिये कैंसर है हिंदुत्व
उमर ने मैगजीन में कहा है कि हिंदुत्व बांग्लादेश के लिये कैंसर है और वह महामारी की तरह फैल रहा है। आवामी लीग का इसके पीछे बड़ा हाथ है और मुसलमान भाईयों को अपनी बाहें ऊपर उठा लेनी चाहियें। वास्तव में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) ने भी अपने संगठन से जुड़े लोगों को यही संदेश दिया, जब उसने भारत के पश्चिम बंगाल में बम की फैक्ट्री खोली।
एनआईए इस बात की खोजबीन में जुटी हुई है कि बर्धमान में हुए धमाकों के पीछे जेएमबी जैसे छोटे आतंकी संगठन शामिल थे, या फिर अल-कायदा की मुहर उस पर लगी है।
चीन पर अल-कायदा की नजर
अल-कायदा की पत्रिका ने एक लेख चीन पर लिखा है और अब चीन के जिनजियांग क्षेत्र में इस्लामी संगठनों की स्थापना हो जानी चाहिये। अल-कायदा ने चीन के इस क्षेत्र को मुस्लिम क्षेत्र घोषित कर दिया है और कहा है कि इस पर कब्जे का काम अभी से शुरू करना होगा। इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों के अनुसार पिछले एक दो साल से अल-कायदा का फोकस चीन की ओर बढ़ा है। अल-कायदा चीन के कई क्षेत्रों का इस्लामीकरण करना चाहता है।
अल-कायदा की पत्रिका में मुजफ्फरनगर दंगे
पत्रिका में छपे लेख में मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए अल-कायदा चीफ उमर ने शामली के कैम्प में रह रहे लोगों को संबोधित किया है। उमर ने कहा, "आपके साथ भारत में रिफूजी जैसा बर्ताव हो रहा है। वो जमीन जो आपका कभी गर्व हुआ करती थी, वहीं पर आपसे अछूता व्यवहार किया जा रहा है। 1857 के इतिहास की ओर मुड़ कर देखें, आपको पता चल जायेगा कि आप ने जिहाद के लिये ब्रिटिश सेना से कैसे जंग लड़ी थी।" उमर ने आगे कहा, "आपको राजा की तरह रहना सीखना होगा, किसी रिफूजी की तरह नहीं। अब अपने आत्मसम्मान को वापस लाने के बारे में सोचना होगा।"
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उमर के इन शब्दों से साफ है कि शामली के कैम्प तक अल-कायदा की पहुंच बन चुकी है। इस वक्त भारतीय खुफिया एजेंसियों को लिये इस तिलिस्म को तोड़ना बेहद जरूरी है, अन्यथा भारत में बड़े आतंकी हमला खासकर उत्तर प्रदेश में तो जरूर हो जायेंगे।
कश्मीर में खून की होली
आसिम उमर ने पत्रिका में कश्मीर पर कहा, "इस्लाम धर्म को ऊपर उठाने के लिये जो खून बहाया गया है, अब वह खून कश्मीर में भी दिखाई देगा। अफगानिस्तान से जंग में हम खून बहा रहे हैं, अब वही हम कश्मीर में करेंगे। हमारे इस काम में शरिया कानून भी साथ चलेगा। हम आज कश्मीर के लिये एक नई यूनिट की स्थापना का ऐलान कर रहे हैं।"