गोरखपुर हादसा: मृतकों के परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया- अखिलेश यादव
गोरखपुर हादसे पर पूर्व सीएम अखिलेश बोले ने कहा कि यूपी सरकार सच को छिपा रही है।
नई दिल्ली। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुए बच्चों की मौत पर योगी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से जान गई है। पूर्व सीएम ने कहा कि दो दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था तब उनके पास ऑक्सीजन की कमी का मामला सामने आया होगा फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। वहीं उन्होंने कहा कि अगर सीएम के दौरे के दौरान ऑक्सीजन की कमी की जानकारी नहीं दी गई तो ये और गंभीर मामला है।
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गोरखपुर हादसे पर पूर्व सीएम अखिलेश बोले ने कहा कि यूपी सरकार सच को छिपा रही है। मृतकों के परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया, मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ है, भर्ती कार्ड भी गायब कर दिया गया है । अखिलेश यादव ने कहा कि हम विपक्ष में बैठे है, हमारी कुछ सीमाए है, योगी सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाए मुहैया कराने में फेल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जैसे-जैसे बच्चों की मौत हो रही थी उनके परिजनों को चोरी से अस्पताल से बाहर निकाला जा रहा था।
इससे पहले कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधी मंडल गोरखपुर पहुंचा था और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की थी। अस्पताल में डॉक्टरों से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री समेत मंत्रालय के सचिवों को इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस इनसे इस्तीफे की मांग कर रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरे देश से माफी मांगी चाहिए। आजाद ने कहा कि इस पूरे मामले में डॉक्टरों की कोई गलती नहीं है। यह राज्य सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है। वहीं बहुजन समाज पार्टी के सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ में थोड़ी शर्म बची होगी और वो मृतकों के परिजनों से माफी मांगेंगे। समाजवादी पार्टी नेता और राज्य सभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दर्दनाक हादसा हुआ था जहां आईसीयू और इंसेफलाइटिस के मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड में आक्सीजन सप्लाई ठप होने की वजह से अबतक 36 बच्चों की मौत हो गई हैं।