सपा में जारी जंग के बीच अखिलेश ने खेला बड़ा दांव, मुलायम के खेमे में सन्नाटा
मुलायम सिंह यादव अपने भाई शिवपाल के साथ अमर सिंह से मिलकर रणनीति बनाने दिल्ली पहुंचे थे और दावा किया जा रहा था कि वह चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी पर अपना दावा पेश करेंगे।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में जारी कुर्सी की जंग के बीच अखिलेश यादव ने एक बार फिर खुद को ज्यादा ताकतवर साबित करते हुए कई जिलों में पार्टी के अध्यक्षों की नियुक्ति की है। इसके पहले उन्होंने चार जिलों में नए प्रमुखों के नामों की घोषणा की थी। उधर, मुलायम सिंह यादव के खेमे में खामोशी छाई है। लगातार चल रही बातचीत और बैठकों के दौर के बीच अभी मुलायम, शिवपाल सिंह और अमर सिंह की ओर से रणनीति पर विचार हो रहा है। मुलायम सिंह अपने भाई शिवपाल के साथ अमर सिंह से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे थे और कहा जा रहा था कि वह पार्टी में अपनी हैसियत को लेकर चुनाव आयोग से भेंट करेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
इन
जिलों
में
नियुक्त
हुए
नए
जिलाध्यक्ष
गुरुवार
को
सपा
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
ने
राज्य
में
सपा
के
अध्यक्ष
नरेश
उत्तम
के
साथ
उत्तर
प्रदेश
के
सात
जिलों
में
पार्टी
के
नए
अध्यक्षों
की
नियुक्ति
की
है।
इनमें
मैनपुरी,
मुरादाबाद,
फतेहपुर,
इटावा,
फर्रूखाबाद,
फिरोजाबाद
और
हरदोई
जिले
शामिल
हैं।
अखिलेश
यादव
खेमे
की
ओर
से
जारी
एक
प्रेस
विज्ञप्ति
में
इसकी
जानकारी
दी
गई।
इसके
साथ
ही
गुरुवार
को
अखिलेश
यादव
के
खेमे
ने
यह
भी
दावा
किया
कि
उनके
पास
पार्टी
के
200
से
ज्यादा
विधायकों
का
समर्थन
है।
इन
सभी
ने
लिखित
हलफनामा
देकर
अखिलेश
का
साथ
देने
का
वादा
किया
है।
अखिलेश
यादव
के
करीबी
कहे
जाने
वाले
सपा
सांसद
नरेश
अग्रवाल
ने
बताया
कि
पार्टी
के
एमएलए,
एमएलसी
और
सांसद
बहुमत
में
अखिलेश
के
साथ
हैं।
बुधवार
को
अखिलेश
यादव
ने
देवरिया,
कुशीनगर,
आजमगढ़
और
मिर्जापुर
में
पार्टी
के
जिलाध्यक्षों
को
वापस
पद
सौंप
दिया।
इन
सभी
को
पूर्व
सपा
प्रदेश
अध्यक्ष
शिवपाल
यादव
ने
पद
से
हटाया
था।
पढ़ें: सपा की जंग सुलझाने को आगे आए आजम खान, कहा, हाथ-पैर भी जोड़ने को तैयार हूं
चुनाव
आयोग
से
अभी
भी
नहीं
मिल
पाए
मुलायम
उधर,
मुलायम
सिंह
यादव
अपने
भाई
शिवपाल
के
साथ
अमर
सिंह
से
मिलकर
रणनीति
बनाने
दिल्ली
पहुंचे
थे
और
दावा
किया
जा
रहा
था
कि
वह
चुनाव
आयोग
से
मिलकर
पार्टी
पर
अपना
दावा
पेश
करेंगे।
यह
भी
कहा
जा
रहा
था
कि
उनके
पास
पार्टी
के
50
फीसदी
विधायक,
सांसद
और
अन्य
पदाधिकारियों
का
समर्थन
है।
मुलायम
सिंह
के
खेमे
ने
कहा
कि
वह
चुनाव
आयोग
से
मिलने
के
लिए
अप्वाइंटमेंट
भी
ले
चुके
हैं।
हालांकि
चुनाव
आयोग
ने
इससे
इनकार
किया
और
कहा
कि
मुलायम
सिंह
ने
कोई
अप्वाइंटमेंट
नहीं
लिया
है।
गुरुवार
शाम
मुलायम
बिना
चुनाव
आयोग
से
मिले
ही
लखनऊ
वापस
आ
गए।
चुनाव
आयोग
से
सूत्रों
ने
भी
बताया
कि
मुलायम
की
ओर
से
उन्हें
कोई
पत्र
नहीं
दिया
गया।
दूसरी
ओर
अखिलेश
यादव
ने
नई
नियुक्तियां
करने
के
साथ
ही
सभी
जिलाध्यक्षों
को
अपने-अपने
जिले
में
सात
दिनों
के
अंदर
नई
यूनिट
के
गठन
के
निर्देश
दिए
हैं,
ताकि
विधानसभा
चुनावों
में
पार्टी
की
जीत
सुनिश्चित
की
जा
सके।