अग्नि 5 का लांच डीआरडीओ के लिए कभी खुशी कभी गम का मौका
बेंगलुरु। शनिवार को भारत ने सतह से सतह तक मार करने वाली 5000 किमी की रेंज वाली मिसाइल अग्नि 5 (आईसीबीएम) का सफल परीक्षण कर एक नया अध्याय लिख डाला। एक टन का न्यूक्लियर हथियार ले जाने वाली अग्नि 5 के सफल लांच पर डीआरडीओ में भी उत्साह का माहौल है। वहीं इस उत्साह के बीच ही एक जो और बात डीआरडीओ को साल रही है, वही डीआरडीओ प्रमुख डॉक्टर अविनाश चंदर का आज ऑफिस में आखिरी दिन होना।
शानदार रहा लांच
अग्नि5 की लांचिंग को डीआरडीओ ने बहुत ही सादगी और शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम दिया। यहां तक कि मीडिया को भी इससे दूर ही रखा गया था। मिसाइल की लांच के बाद डीआरडीओ के एक साइंटिस्ट ने वनइंडिया को जानकारी दी कि अग्नि 5 का लांच बहुत ही शानदार रहा।
एक के बाद एक स्टेज के साथ ही मिसाइल जब तीन स्टेजों से अलग हुई तो उसे देखना काफी खूबसूरत अनुभव था। इस वैज्ञानिक के मुताबिक इस शानदार लांच से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता है। इस वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इसे मिशन को 200 प्रतिशत तक सफल होने की बात कही।
शनिवार को हुआ अग्नि 5 का लांच इस मिसाइल का तीसरा लांच था और इसे कनस्तर से लांच किया गया था। डीआरडीओ वैज्ञानिक के मुताबिक 20 मिनट के इसके परीक्षण के दौरान मिसाइल इसके लिए तय सभी मानकों पर पूरी तरह से खरी उतरी। यह कम से कम 500 किमी तक की ऊंचाई पर गई।
डॉक्टर चंदर को याद आएंगे ये पल
वहीं दूसरी ओर मिसाइल की सफलता से खुश डीआरडीओ प्रमुख के तौर पर आज अपना अंतिम दिन ऑफिस में बिता रहे डॉक्टर अविनाश चंदर ने इस सफलता का जवाब कुछ इस तरह से दिया, 'मिशन पूरा हुआ और अब मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं।'
उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि अग्नि 5 के पूर्व में हुए लांच की तरह ही इस मिसाइल में भी डीआरडीओ ने अगली पीढ़ी की तकनीक का प्रयोग किया है।
उन्होंने बताया कि पूर्व निर्धारित लक्ष्य के सटीक बिंदू तक वार करने के लिए मिसाइल को रिंग लेसर गाइरो बेस्ड इंटीरियल नेविगेशन सिस्टम (आरआईएनएस) और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (एमआईएनएस) का प्रयोग किया गया था।
एक ख्याल से छलक गईं आंखें
अग्नि 5 का शनिवार को होने वाला लांच शायद डॉक्टर अविनाश चंदर के लिए डीआरडीओ का सबसे बड़ा तोहफा है। डीआरडीओ की मिसाइल क्लस्टर टीम के लिए यह मौका काफी भावुक पल था।
डीआरडीओ वैज्ञानिक ने बताया कि लांच के बाद लोग जहां खुश थे तो वहीं कुछ की आंखें बस इस ख्याल से छलक गई कि आज डॉक्टर चंदर का लास्ट वर्किंग डे है।
इन भावुक लोगों को डॉक्टर चंदर ने समझाया लेकिन हर किसी की आंखों में आंसू थे। अग्नि 5 डॉक्टर चंदर के अपने बच्चे की तरह है और वैज्ञानिकों की मानें तो यह मिशन आने वाले कई वर्षों तक लोगों को याद रहेगा।
शनिवार को अग्नि 3 का लांच जिसे ए5-03 मिशन नाम दिया गया है, उसे कुछ और लांच के बाद भारत की मिसाइल श्रंखला में औपचारिक तौर पर जगह मिल जाएगी।