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तो चीन ने भारत और भूटान को अलग करने के लिए चली ये चाल?

By Rahul Sankrityayan
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नई दिल्ली। चीन- भूटान और भारत की सीमा पर चल रहे तिहरे विवाद पर यह सवाल किया जा रहा है कि आखिर इन सबके पीछे चीन चाहता क्या है? इसके पीछे की वजह को समझने के लिए चीन की विदेश नीति को समझना भी कम मुश्किल नहीं है।

सवाल यह भी है क्या चीन को इस बात का तनिक भी एहसास नहीं था कि भारत, भूटान से जुड़े इस मसले पर भारतीय प्रतिक्रिया आक्रामक होगी या फिर चीन ने यह हरकत भारत को कड़ा संदेश देने के लिए की।

भारत से नहीं है कोई सीधा संबंध

भारत से नहीं है कोई सीधा संबंध

बता दें कि जिस डोकलाम में सड़क बनाने को लेकर यह विवाद सामने आया है, उसका भारत से कोई सीधा संबंध नहीं है। यह मामला सीधा भूटान और चीन का है। बता दें कि डोकलाम को भूटान अपना मानता है और चीन उस पर दावा जताता है।

चीन को लगा कि...

चीन को लगा कि...

संभवतः चीन को यह लगा हो कि भारत इस मसले में भूटान के साथ नहीं आएगा। हालांकि भारत,भूटान के डोकलाम पर दावे को अपना समर्थन देता है। उसे इस बात का अंदाजा है कि डोकलाम में किसी विवाद का असर, भारत-चीन सीमा पर भी पड़ेगा। जिसके चलते भारत, ने चीन का विरोध किया।

डोकलाम में कई बार आ चुका है चीन

डोकलाम में कई बार आ चुका है चीन

मीडिया की कई रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सैनिक इससे पहले भी इस इलाके में अतिक्रमण कर चुके हैं और भूटान के सैनिकों को पीछे भेज दिया था। चीन, डोकलाम में एक स्थायी सड़क बनाना चाहता है जिस कारण से भारत को इस मसले में दखल दे कर चीन का विरोध करना पड़ा। चीन को लगा था कि वो एक बार फिर से भूटान के सैनिकों पर भारी पड़ेगा और उसे भारत इसमें दखल नहीं देगा।

ये है चीन की रणनीति

ये है चीन की रणनीति

अंग्रेजी अखबार द इकॉनमिक टाइम्स के लिए प्रोफेसर राजेश राजगोपालन ने लिखा है कि चीन ने साल 1962 में वही रणनीति अपनाई थी जो वो फिलहाल दक्षिण चीन सागर पर अपना रहा है। अब वो पहले खाली इलाकों में अपने सैनिकों को भेजता है और पिर वहां कब्जा करता है। इसके बाद खुद कोई हमला करने की जगह, सामने वाले को हमला करने के लिए चुनौती देता है। इसी रणनीति के चलते साल 1962 में चीन से युद्ध हुआ।

भूटान-भारत अलग!

भूटान-भारत अलग!

हालांकि यह समस्या उतनी छोटी नहीं है जितना कि फिलहाल इसे समझा जा रहा है। इसमें एक और संभावना है। हो सकता है कि चीन ने यह काम भारत को संदेश देने के लिए की हो जिससे भारत के समक्ष काफी चुनौतियां आ सकती हैं।

ये है रणनीति?

ये है रणनीति?

आशंका इस बात की भी है चीन, भारत और भूटान को अलग करना चाहता हो। यह बात अलग है कि भूटान अभी चीन का विरोध कर रहा है लेकिन चीन यह भी सोच कर चल रहा होगा कि भूटान खुद को इससे अलग कर ले और अपना नजरिया निष्पक्ष रखे जो भारत को उससे दूर रखे और चीन के करीब।

अगर ऐसा कुछ होता है तो!

अगर ऐसा कुछ होता है तो!

अगर ऐसा कुछ होता है तो चीन, भूटान को अपनी ओर लाने के लिए वो रियायतें मुहैया करा सकता है जिसकी शर्त पर भूटान, भारत से अपनी पारंपरिक सुरक्षा और राजनीतिक संबंध खत्म कर लेगा। ऐसी हालत में भारत के लिए कड़ी कूटनीतिक समस्या पैदा हो सकती है।

तब हुआ था ये पूरा मामला

तब हुआ था ये पूरा मामला

इसके साथ ही चीन, भारत और अमेरिका की करीबी से भी चिढ़ा हुआ है। उसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी से भी दिक्कत हो रही है। यह बात दीगर है कि चीन ने यह हरकत तब की जब पीएम मोदी अमेरिका में अपने समकक्ष ट्रंप से मुलाकात कर रहे थे।

English summary
Agenda of china behind doklam issue regarding india and bhutan
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