25 एमपी सस्पेंड- अब विपक्ष हुआ एकजुट
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कल वह काम कर दिया जो कांग्रेस पिछले 9 दिन से करने की कोशिश में लगी हुई थी। उनके एक साथ 5 दिन के लिए सदन से 25 सदस्यों को सस्पेंड करने का फौरन रिएक्शन हुआ। जो विपक्षी दल तीसरी धारा बनकर कांग्रेस से दूरी बनाने की कोशिश कर रहे थे वे अब कांग्रेस से एकजुटता दिखाने को मजबूर हो गए
देर तो नहीं
हालांकि एक राय ये भी है कि थोड़ी सी देर कर दी स्पीकर ने। ये काम पिछले सप्ताह ही कर देना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पच्चीस सांसदों को पांच दिन के लिये निलंबित करने का फैसला उन्हें करना पड़ा लेकिन संसद को सब्जी मंडी बनने से बचाने के लिये कभी किसी को तो शुरुआत करनी ही पड़ेगी।
अपमान करते रहे
वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चौधरी कहते हैं कि लोकसभा कवर करने वाले पत्रकार जानते हैं कि किस तरह सोनिया गांधी और राहुल गांधी स्पीकर की चेयर का लगातार अपमान करने वाले कांग्रेसी सांसदों को उकसाने का काम करते आ रहे हैं पिछले दस-बारह दिन से।
ऐसा कभी नहीं होता था कि पार्टी के सीनियर मोस्ट लीडर इस तरह की चीजों को प्रमोट करते हुए नजर आएं। लेकिन इस बार हुआ। डेलीब्रेटली लोकसभा की कार्यवाही को रोकने और चेयर के निर्देशों की अवहेलना का फैसला कांग्रेस ने कर रखा है।
तब हंगामेबाज बीजेपी सांसद क्यों नहीं हुए सस्पेंड
इशारे पर
सुमित्रा महाजन पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप जडने से पहले उन्हें यह सोचना चाहिए कि इस तरह की बातें करके वे सदन की गरिमा और चेयर की मर्यादा का हनन कर रहे हैं। स्पीकर का जो काम है, वह उसे नहीं करने दिया जा रहा था।
निरंतर उनकी चेयर के सामने बड़े-बड़े पोस्टर लेकर नारेबाजी की जा रही थी। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि स्पीकर को यह कड़ी कार्रवाई करने को कांग्रेस ने मजबूर किया है।
इन हालातों के लिये यदि कोई जिम्मेदार है तो वह हैं सोनिया गांधी और राहुल गांधी, जो इस तरह के हालात पैदा करके अपनी खुन्नस निकाल रहे हैं। अतीत में भाजपा ने यही किया होगा लेकिन आप भी वैसा ही कर रहे हैं तो क्या संदेश देना चाहते हैं? सदन का मजाक बनाकर रख गया दिया है।