अब इन भारतीय कंपनियों ने दी अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी!
वर्ष 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद पहली बार देश की बड़ी आईटी कंपनियां अब पहली बार बड़े पैमाने पर अपने यहां काम करने वाले मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही हैं।
बेंगलुरु/चेन्नई। वर्ष 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद पहली बार देश की बड़ी आईटी कंपनियां अब पहली बार बड़े पैमाने पर अपने यहां काम करने वाले मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही हैं।
आगे भी होगी कार्रवाई
बताया जा रहा है आने वाले समय में लोवर लेवल पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी इसकी गाज गिर सकती है। इसी बीच आईटी कंपनियों में छंटनी की से परेशान कर्मचारी लेबर यूनियन के पास जाकर अपनी बात उठाना शुरु कर चुके हैं। आपको बताते चले कि कॉग्निजेंट ने अपने वाइस प्रेसीडेंट और सीनियर वाइस प्रेसीडेंट के स्तर के कर्मचारियों के लिए वॉलियंटरी सेपरेशन प्रोग्राम को पेश किया है जिसमें कुछ माह की सैलरी लेकर ये लोग कंपनी अच्छे संबंधों के साथ छोड़ सकते हैं।
इंफोसिस भी कर रही तैयारी
बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद कॉग्निजेंट के करीब 1,000 कर्मचारियों की इसके बाद छुट्टी हो जाएगी। कहा जा रहा है कि यह कंपनी कुछ 6,000 लोगों को नौकरी से निकाल रही है जोकि उसकी कुल कर्मचारियों का 2.3 फीसदी है। अब कॉग्निजेंट के बाद विप्रो, इंफोसिस भी अपने यहां कर्मचारियों की छुट्टी करने जा रही है। इंफोसिस अपने यहां लेवल 6 के करीब 1000 कर्मचारियों जिसमें ग्रुप प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीनियर आर्किटेक्ट और हाइर लेवल के कर्मचारी शामिल हो सकते हैं, की छंटनी की तैयारी कर रहे हैं। इंफोसिस में कर्मचारियों की छंटनी को लेकर रिपोर्ट तैयार होना शुरु हो गई है।
विप्रो में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 1.81 लाख
तीन सप्ताह पहले विप्रो सीईओ आबिद अली नीमछवाला ने कहा था कि अगर कंपनी का राजस्व नहीं बढ़ता है तो 10 फीसदी कर्मचारियों की इस साल कंपनी से निकाल दिया जाएगा। इस छंटनी का सबसे बड़ा शिकार प्रोडक्ट इंजीनियरिंग टीम होगी। विप्रो में इस समय काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 1.81 लाख है। वहीं फ्रांस की आईटी कंपनी कैपजेमिनी भी इस साल 9000 कर्मचारियों को निकाल की तैयारी में है। इन निकाले जाने वाले कर्मचारियों में बड़ी संख्या आईगेट के कर्मचारियों की होगी। आईगेट को कैपजेमिनी ने वर्ष 2015 में अधिग्रहण किया था। कैपजेमिनी ने 9000 लोगों को निकालने जानी की बात से इंकार नहीं किया, पर यह भी कहा कि कंपनी 20,000 लोगों नए लोगों की भारत में भर्ती की योजना भी बना रही है। इंफोसिस पीएमपी के जरिए कर्मचारियों की परफॉर्मेंस का खाका खींच रही है।
3 से 7 साल के अनुभव वाले लोग होते
कंपनियों का मानना है कि नए कंपनी का बजट कम करने के लिए फेशर्स की भर्ती जोर रहता है। क्योंकि उन पर कंपनियों पर लोगों को कम पैसा खर्च करना पड़ता है। कंपनियों ने बताया उनके लिए सबसे ज्यादा मुफीद 3 से 7 साल के अनुभव वाले लोग होते हैं। इसलिए हम उन्हें ज्यादा तरजीह देते हैं।