आरूषि-हेमराज हत्याकांड कैसे बन गया देश का सबसे बड़ा हत्याकांड?
गाजियाबाद। देश के सबसे चर्चित और हाईप्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री का पटाक्षेप हो गया है। गाजियाबाद की विशेष अदालत ने आज नूपुर तलवार और राजेश तलवार को आरूषि तलवार की हत्या और सबूत मिटाने का दोषी करार दिया है। जिसके बाद तलवार दंपति को जेल भेज दिया गया है। हालांकि तलवार दंपति ने कहा कि हमें बिना अपराध के ही सजा दी गई और हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे।
उनकी सजा का ऐलान कल होगा। आपको बता दें कि यह मामला 2008 का है, जिसे हाईप्रोफाइल होने के कारण मीडिया में काफी जगह दी गई थी। वहीं दोषी करार दिये गये तलवार दंपति ने मामले को कानून की मदद से लंबा खींचने की कोशिश की और इसे एक अदालत से दूसरी अदालत ले गये।
खास बात यह है कि सजा मिलने के बाद भी तलवार दंपति खुद को शुरू से आखिरी तक निर्दोष बताते रहे।
देखें पूरे मामले में क्या हुआ।
आरूषि मर्डर केस
16 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार में जब आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या हुई तो पूरे देश में मीडिया के माध्यम से सनसनी फैल गई थी। इस मामले में पहली गिरफ्तारी 23 मई को आरुषि के पिता राजेश तलवार की हुई। हालांकि बाद में वह रिहा हो गए। जेल में 50 दिन काटने वाले तलवार ने कहा, "यह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जिम्मेदारी है कि वह सच्चाई को सामने लाए। हम जांच पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा
नोएडा की पुलिस ने इस मामले में पहले आरुषि के पिता राजेश को गिरफ्तार किया था, लेकिन वह मामले की जड़ तक नहीं पहुंच सकी और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने राजेश तलवार को मामले में बरी कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। यही नहीं इस मामले में अन्य जितने भी लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उनके खिलाफ भी सीबीआई सबूत नहीं जुटा पायी। लिहाजा उन्हें भी एक-एक कर छोड़ दिया गया।
सीबीआई की नई टीम
आरुषि तलवार एवं उसके नौकर हेमराज हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक नई टीम का गठन करने का फैसला किया।
11 फरवरी 2011 को तलवार दंपति का नार्को टेस्ट हुआ।
मामले में सीबीआई ने राजेश और नूपुर तलवार का नार्को टेस्ट करवाने की मांग की। टेस्ट में दोनों ने सहयोग किया।
पिता ने कहा मैं निर्दोष हूं
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरुषि हत्याकांड मामले में न्यायालय में दायर अपनी रिपोर्ट में आरुषि की हत्या का शक उसके पिता राजेश तलवार पर जताया है। वहीं, तलवार ने जांच एजेंसी के इस निष्कर्ष को मनगढंत बताते हुए अपने को निर्दोष बताया है।
9 फरवरी 2011 को सीबीआई ने तलवार दंपति को बनाया अभियुक्त
अदालत ने सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर आरुषि के माता-पिता को इस मामले में अभियुक्त माना है. सीबीआई ने इस मामले को बंद करने के लिए जो रिपोर्ट अदालत में सौंपी थी, अदालत ने इसी रिपोर्ट को आधार मानते हुए यह फ़ैसला किया है. अब राजेश और नुपुर तलवार के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल किया जाएगा.
10 फरवरी 2011
10 फरवरी को सीबीआई की ही क्लोज़र रिपोर्ट में चार नए गवाहों का खुलासा हुआ है गवाहों के बयान हत्या के कुछ ही दिन बाद लिए गए, लेकिन रिपोर्ट का खुलासा सीबीआई ने नहीं किया। इस रिपोर्ट में चार नए गवाहों के नाम आए थे- पेंटर शौहरत, डा. तलवार के दोस्त डा. रोहित कोचर व राजीव वार्ष्णेय और संजय चौहान।
27 फरवरी 2011
27 फरवरी 2011, आरुषि तलवार के साथ राजेश और नुपूर तलवार के जिस घरेलू नौकर हेमराज की हत्या हुई थी, उसकी पत्नी ने एक अदालत में याचिका दायर कर आरुषि के माता-पिता तलवार दम्पति पर अपने पति की हत्या का आरोप लगाया है।
नूपुर तलवार के खिलाफ गैर जमानती वारंट
12 अप्रैल 2012 को नूपुर तलवार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया, जिसके बाद वह फरार हो गयी।
7 जून 2012 को पुनर्विचार याचिका खारिज
देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि और हेमराज हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए नुपुर तलवार की दोबारा जांच कर याचिका को खारिज कर दिया।
सजा का ऐलान कल
कोर्ट ने फैसला देते हुए आरूषि के माता पिता को उसकी हत्या का दोषी ठहराया है।