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7 साल बाद फिर सुर्खियों में आरुषि हत्‍याकांड: जांचकर्ता का खुलासा, कहा बेकसूर हैं माता-पिता

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नयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। निर्देशक मेघना गुलजार की फिल्म 'तलवार' ने सात साल पहले हुए देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्‍ट्री आरुषि तलवार और हेमराज हत्‍याकांड को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। फिल्‍म के बाद बहस चल पड़ी है कि आखिर ये हत्‍याएं किसने की।

आरूषि हत्‍याकांड में खुलासा: काफी नीचे था आरूषि का लोअर और खुले थे नाड़ेआरूषि हत्‍याकांड में खुलासा: काफी नीचे था आरूषि का लोअर और खुले थे नाड़े

Aarushi Talwar murder case

पिछले सात सालों में पहली बार सीबीआई के एक अधिकारी ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी है और कोहराम मचा दिया है। जी हां इसी अधिकारी ने इस मामले की सबसे पहले जांच की थी। अधिकारी का मानना है कि आरुषि के माता-पिता यानि राजेश तलवार और नुपुर तलवार निर्दोष हैं।

गलती तो मां-बाप की थी फिर हत्‍या आरुषि की क्‍यों?गलती तो मां-बाप की थी फिर हत्‍या आरुषि की क्‍यों?

उस वक्‍त सीबीआई में सहायक निदेशक के पद पर तैनात अरुण कुमार ने कहा है कि जांच में राजेश और नुपुर तलवार को दोषी साबित करने के लिए कोई भी सबूत नहीं मिला था। इसके पीछे का कारण बताते हुए अरुण कुमार ने कहा है कि हत्‍यारे कभी पहले से यह नहीं मान सकते थे कि हेमराज का शव पुलिस को घटना के पहले दिन नहीं बल्‍कि अगले दिन मिलेगा। आपको बताते चलें कि हमेराज का शव उसी घर की छत पर घटना के दूसरे दिन पुलिस को मिला था।

मैं आरुषि हूं...चार साल पहले मेरा कत्‍ल हुआ थामैं आरुषि हूं...चार साल पहले मेरा कत्‍ल हुआ था

वहीं उन्‍होंने यह भी बताया कि मौके से फॉरेंसिक सैंपल कभी लिए ही नहीं गए, अगर लिए गए होते तो यह केस काफी पहले सुलझा लिया जाता। अरुण कुमार ने अपने थ्‍यौरी के मुताबिक तलवार के नौकर कृष्‍णा ने आरुषि और हेमराज की हत्‍या की क्‍योंकि हेमराज ने कृष्‍णा और राजकुमार को यौन हमला करने से रोका था। इस विचार को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया जब नए सीबीआई निदेशक अश्विनी कुमार ने पदभार संभाला। उल्‍लेखनीय है कि फिल्म 'तलवार' में अरुण कुमार की भूमिका इरफान खान ने निभाई है।

जांच के लिए बनाई गई थीं सीबीआई की दो टीमें

सीबीआई की जांच में भी दो टीम बनाई गई थीं और जांच में दोनों टीमों के अलग निष्कर्ष निकले थे। पहला निष्कर्ष यह था कि तलवार के नौकरों ने ही आरुषि की हत्या की, लेकिन दूसरी टीम का निष्कर्ष था कि माता-पिता ने ही हत्या की जब उन्होंने आरुषि को नौकर हेमराज के साथ पाया।

क्या हुआ था उस रात और उसके बाद

  • 15-16 मई, 2008 की दरमियानी रात को आरुषि की लाश नोएडा में अपने घर में बिस्तर पर मिली
  • कत्ल के फौरन बाद शक घर के नौकर हेमराज पर जाहिर किया गया लेकिन अगले दिन हेमराज की लाश घर की छत पर मिली।
  • 23 मई, 2008 को पुलिस ने बेटी की हत्या के आरोप में राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया।
  • 31 मई, 2008 को आरुषि हत्याकांड की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई।
  • 2010 में दो साल बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी।
  • गाजियाबाद कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को सबूत मिटाने का दोषी पाया। दोनों के खिलाफ आरुषि हत्याकांड में शामिल होने के आरोप तय किए गए।
  • कत्ल के चार साल बाद 2012 में आरुषि की मां नूपुर तलवार को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा औऱ फिर जेल जाना पड़ा।
  • नवंबर 2013 में तमाम जिरह और सबूतों को देखने के बाद कोर्ट ने आरुषि के पिता राजेश औऱ मां नूपुर तलवार को उसकी हत्या के जुर्म का दोषी माना।
  • उनको उम्र कैद की सजा सुना दी।
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English summary
For the first time in seven years, the officer who led the initial CBI investigation into the Aarushi Talwar murder case has said that he believes Aarushi's parents Rajesh and Nupur Talwar are innocent.
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