‘आप’ में पैदल योगेन्द्र यादव,केजरीवाल नाराज
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)योगेन्द्र यादव की आम आदमी पार्टी से विदाई संभब है। अगर उन्हें निकाला नहीं भी जाता तो उन्हें पैदल तो किया किया जा सकता है। पार्टी के बहुत से नेता उनसे खफा है।
कार्यशैली पर निशाना
कारण यह है कि वे अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली पर छींटाकशी करते रहे हैं इशारों-इशारों में। यादव को पार्टी की राजनीति मामलों की कमेटी से बाहर किया जा सकता है।
केजरीवाल और यादव में विवाद है। योगेंद्र यादव लगातार कह रहे हैं कि इसका मकसद अखिल भारतीय स्तर पर लोगों को एक विकल्प मुहैया कराना है। पिछली बार भी दिल्ली में जीतने के बाद योगेंद्र यादव के जोर देने पर ही पार्टी ने पूरे देश में उम्मीदवार उतारे थे।
सुनकर अनसुना करते केजरीवाल
यादव की बात पर केजरीवाल ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने रामलीला मैदान में शपथ लेने के बाद कहा- हमारी पार्टी के कुछ लोग कह रहे हैं कि हम पांच राज्यों में लड़ेंगे या दस राज्यों में लड़ेंगे, यह अहंकार है, जो ठीक नहीं है। इसके अगले ही दिन योगेंद्र यादव ने फिर अपने इंटरव्यू में कहा कि आम आदमी पार्टी अगले पांच साल में चार राज्यों में विस्तार करेगी।
यादव की राय
यादव दिल्ली विधानसभ चुनाव से पहले कुछ उम्मीदवारों को पार्टी का टिकट देने से भी नाराज थे। पर, वे सभी जीते। वे जिसके हक में सबसे मुखर तरीके से टिकट की मांग कर रहे थे वे हारे। यादव विश्वास नगर से डा. अतुल गुप्ता के लिए टिकट की मांग कर रहे थे। उन्हें टिकट मिला, पर वे चुनाव हार गए।
जानकारों का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी में कलह शुरू हो गई थी। मंत्री और बनाने के लिए खूब खींचतान हुई। अब इस बात पर कलह हो रही है कि पार्टी का विस्तार राज्यों में किया जाए या नहीं। चुनाव से पहले जिन विवादों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, वे भी निकल आए हैं।