अपने ही उसूल भूले केजरीवाल, गोपाल राय के भाई भी हैं अनाधिकारिक मंत्री
नई दिल्ली। अन्ना आंदोलन के जरिए राजनीति में आये अरविंद केजरीवाल ने जिस साफ-सुथरी राजनीति के नाम पर लोगों का बहुमत प्राप्त किया उसे वो अब धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। एक के बाद एक दिल्ली सरकार सिर्फ विवादों के चलते सुर्खियों में बनी हुई है। ताजा मामला परिवारवाद का हौ। [केजरीवाल ने नजीब जंग को बताया मोदी का दूत]
हाल ही में एक मामला सामने आया है कि दिल्ली के परिवहन एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल राय की अनुपस्थिति में उनके भाई योगेंद्र राय ने उनका कार्यभार संभाला और उनकी अगुवाई में आला अधिकारियों की बैठक भी हुई जिसमें अहम फैसले लिये गये हैं।
पूर्वी दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के काउंसलर ने योगेंद्र यादव पर आरोप लगाया है कि वो अहम बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं और अधिकारियों को गोपाल राय की अनुपस्थिति में निर्देश भी जारी कर रहे हैं।
वहीं इस मामले में ईडीएमसी ने म्युनिसिपल कमिश्नर को तलब करके इस बारे में सूचना मांगी है कि क्या मंत्री की अनुपस्थिति में कोई और अहम बैठकों में हिस्सा ले रहा है। इसके लिए एक जांच भी बैठा दी गयी है और इस मामले में विस्तृत जांच मेयर के पास भेजी जाएगी। वहीं इस मामले में अब तक गोपाल राय ने कोई सफाई नहीं दी है।
सूत्रों की मानें तो गोपाल राय के नाम पर नोटिस भेज दी गयी है। उधर कांग्रेस की नेता सविता शर्मा का कहना है कि यह सब पिछले कई महीनों से चल रहा है और अभी तक इसके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है।
उधर पूर्वी दिल्ली के मेयर हर्षदीप मल्होत्रा का कहना है कि उन्हें इस बारे में शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने इस बात का भी आश्वासन दिया है कि म्युनिसिपल कार्पोर्शन के कमिश्नर को साफ कह दिया गया है कि किसी भी अनाधिकारिक व्यक्ति के निर्देश नहीं मानें जाए और इस बाबत सभी को निर्देश भी दे दिये गये हैं।