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गांव जहां नहीं होती शादी के बाद लड़कियों की विदाई

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लखनऊ। भारतीय समाज में समझा जाता है कि लड़कियां पराया धन होती है। शादी के बाद उसे ससुराल जाना होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश का एक इलाका भी है जहां इस परंपरा के उलट रीति है। जी हां यहां शादी के बाद लड़कियों की विदाई नहीं होती।

wedding

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक ऐसा इलाका हैं जहां शादी के बाद भी लड़कियों अपने पिता के घर में ही रहती है। यहां लड़कों को घर जमाई बनकर रहना होता है। इस छोटे से कस्बे को 'दामादों का पुरवा' नाम से जाना जाता है। यहां शादी के बाद लड़का लड़की के साथ उसके घर आकर रहता है। ससुराल की तरफ से उसे रोजगार के साधन भी मुहैया कराए जाते हैं।

यहां तकरीबन 60 परिवार हैं। जिसमें मुसलमानों की तादात ज्यादा है। लगभग 35 साल पहले इस अनोखी परंपरा की शुरुआत हुई। लोग अपनी लड़कियों की शादियां पड़ोसी जिले कानपुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद या फिर आसपास के इलाके में करवाते हैं।

इस परंपरा की शुरुआत उस वक्त हुई जब 35 साल पहले इलाके के रहने वाले कमरुद्दीन नाम के शख्स ने अपनी बेटी की शादी की और बेटी और दामाद को उसी गांव में बसा दिया। इसके बाद बेटी और परिवार दोनों के परिवार की खूब तरक्की हुई तो लोगों ने इसे परंपरा ही बना दिया।

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English summary
A village in Uttar Prdaesh where Girls do not leave her parents House even after her wedding. Groom have to come and stay with her in the same village.
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