गंगा पुनर्जीवन को जनांदोलन का रूप देने की जरूरत: PM मोदी
नई
दिल्ली।
नई
सरकार
ने
सत्ता
में
आने
से
पहले
ही
'मां
गंगा'
की
निर्मल
कल्पना
से
देश
की
जनता
में
उम्मीदें
जगाईं
थीं।
अब
सरकार
इसे
मूर्त
रूप
देने
की
कोशिश
में
दिख
रही
है।
गंगा के पुनर्जीवन को एक जनांदोलन का रूप देने की जरूरत पर जोर देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस मिशन की पहली प्राथमिकता नदी को और प्रदूषित होने से रोकने की होनी चाहिए।
गंगा के लिए बनाई गई एकीकृत योजना ‘नमामी गंगे' पर पहली उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम ने कहा कि ‘निर्मल गंगा' हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। यहां एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘गंगा सेवा' के लिए समर्पित समाज के विभिन्न तबकों की ताकत को एकजुट करने की कार्य-योजना तैयार की है।
इस अपील में देश भर के स्वयंसेवकों की टीम बनाने की 'सुपर योजना' है। उन्होंने कहा कि ‘माइगव' वेबसाइट पर मंगाए गए लोगों के सुझावों को ध्यानपूर्वक अध्ययन किया जाना चाहिए व उन पर उपयुक्त अमल भी होना चाहिए।
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500
शहरी
केंद्रों
में
ठोस
कचरा
प्रबंधन
और
व्यर्थ
जल
प्रबंधन
को
लेकर
कहा
कि
उनकी
सोच
के
तहत
पहली
प्राथमिकता
गंगा
के
किनारे
बसे
नगरों
को
दी
जानी
चाहिए।
गंगा अभियान की इस अहम बैठक में केंद्रीय मंत्रियों वैंकेया नायडू, नितिन गडकरी, उमा भारती, प्रकाश जावडेकर और निर्मला सीतारमण तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने भी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में अपने-अपने विचार रखे व विमर्श किया।