चिप के बाद 500 और 2,000 के नए नोट के बारे में फैली ये अफवाह
जब से 500 और 2,000 रुपए के नए करेंसी नोट आए हैं, तब से उनके बारे में अफवाहों का बाजार गर्म हैं। इस बार ये नई अफवाह सामने आ रही है।
नई दिल्ली। 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 और 1,000 रुपए के करेंसी नोट के विमुद्रीकृत किए जाने की घोषणा की थी।
उसके कुछ देर बाद भारतीय रिजर्व बैंक की ओर प्रेस वार्ता में 500 और 2,000 रुपए के नए करेंसी नोट बाजार में लाए जाने की घोषणा की गई थी।
इसके तुरंत बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर यह खबर आई की 2,000 रुपए के करेंसी नोट में कोई लोकेशन ट्रैक करने वाली चिप लगाई गई है।
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हालांकि चिप के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट कहा था कि ऐसी खबर किसने फैला दी इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन करेंसी नोट में ऐसा कुछ नहीं है।
अब फैली ये अफवाह
अब विमुद्रीकरण के बाद आयकर विभाग की ओर से की जा रही लगातार छापमारी में बड़ी संख्या में नई करेंसी बरामद की जा रही है।
इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि नई करेंसी नोट में रेडियो एक्टिव स्याही इस्तेमाल की गई है, जिसकी वजह से इसे आसानी से खोजा जा सकता है।
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बता दें कि कई देशों में रेडियोएक्टिव स्याही का इस्तेमाल इंडिकेटर के लिए किया जाता है, जिससे किसी चीज को आसानी से खोजा जा सकता है। हालांकि नई करेंसी नोट में रेडियो एक्टिव स्याही प्रयोग किए जाने के संबंध में किसी सरकारी एजेंसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
वास्तव में P32 एक रेडियोएक्टिव आइसोटोप है जिसमें फॉसफोरस के 15 प्रोटॉन्स और 17 न्यूट्रॉन्स होते हैं। इसे रेडियो एक्टिव इंक में बहुत ही कम मात्रा में प्रयोग किया जाता है। ये एक रेडियो एक्टिव टेप वार्निंग टेप की तरह काम करता है।
जब अनुमति से ज्यादा करेंसी एक जगह इकट्ठा रखी गई हो तो रेडियो एक्टिव करेंसी , इस बात की जानकारी देता है। इसलिए आयकर विभाग को बड़ी मात्रा में नई करेंसी के एक जगह इकट्ठा होने की जानकारी देता है।
इसलिए पकड़ में आ रहे हैं लोग!
गौरतलब है कि लोग बड़ी मात्रा में पुरानी करेंसी को जमा कर नई करेंसी हासिल कर उसे अपने पास जमा कर रहे हैं।
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लोग नई करेंसी के साथ सोना और अन्य आभूषण भी रख रहे हैं। इस कारण जब आयकर विभाग छापेमारी करता है तो नई करेंसी नोट के साथ पुरानी विमुद्रीकृत की गई करेंसी भी सामने आती है।
ऐसा कहा जा रहा कहै कि 500 और 2,000 रुपए की करेंसी नोट में रेडियो एक्टिव इंक प्रयोग किए गए हैं। हालांकि आईसोटोप के T1/2 का असर बहुत कम होता है। सुरक्षा कारणों से इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि नई करेंसी नोट में ऐसी किसी इंक का प्रयोग किया गया है।
इस दौरान रेडियोएक्टिव इंक की थ्योरी पर वित्त मंत्रालय या भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मुहर नहीं लगाई है। ऐसे में ये सारी बाते सिर्फ उन लोगों के दिमाग की उपज हो सकती है।