जैन धर्मगुरू बोले, 13 साल की आराधना को पता थी अपनी शक्तियां, तभी रखा 68 दिन का व्रत
हैदराबाद। लगातार 68 दिन तक व्रत रखने के बाद 13 साल की आराधना की मौत पर जैन धर्मगुरू खुलकर लड़की के परिजनों के समर्थन में उतर गए हैं। उन्होंने कहा कि अराधना ने मर्जी से व्रत किया लेकिन उनके धर्म को बदनाम किया जा रहा है।
जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाली हैदराबाद की आराधना की लगातार 68 दिन तक उपवास करने के बाद पिछले 4 अक्टूबर को मौत हो गई थी। दो दिन पहले ही उसने अपना 68 दिन लंबा व्रत पूर किया था।
आराधना 68 दिन तक सिर्फ उबला हुआ पानी पीती रही थी। व्रत पूरा करने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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डॉक्टरों के मुताबिक लगातार व्रत से उसके शरीर के अंदरुनी हिस्से में कई शिकायत हो गईं थीं। उसकी दोनों किडनी बुरी तरह से खराब हो गईं और खाना नहीं खाने से आंतें सूख चुकी थीं।
आराधना की मौत के बाद कई संगठनों ने 13 साल की बच्ची से 68 दिन के उपवास पर सवाल उठाया था। कई संगठनों ने लड़की के परिजनों पर उसको मार डालने का आरोप लगाया है।
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पुलिस ने एनजीओ की शिकायत पर आईपीसी की धारा 304 और किशोर न्याय कानून की धारा 75 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच कर रही है।
परिजनों पर अपने कारोबार की तरक्की के लिए लड़की से 69 दिन तक जबरदस्ती व्रत करवाने के आरोपों, कई संगठनों द्वारा इसकी कड़ी आलोचना और पुलिस के मामला दर्ज करने के बाद जैन धर्मगुरुओं ओर परिजनों ने अराधना को लेकर कई बातों का खुलासा किया है।
इससे पहले कर चुकी थी 8 और 34 दिन का उपवास
जैन धर्म के एक नेता ने अराधना की मौत पर कहा कि उसने किसी के दवाब में ये नहीं किया, वह अपनी शारीरिक क्षमताओं को अच्छी तरह जानती थी। उन्होंने कहा कि 2014 में उसने 8 दिन , 2015 में 34 दिन और इस साल 68 दिन उपवास रखा।
जैन सेवा संघ के अध्यक्ष अशोक सांकलेचा जैन ने कहा कि किशोरी आराधना समदारिया को परिजनों ने उपवास करने के लिए मजबूर नहीं किया था।
आराधना के पिता लक्ष्मीचंद समदारिया का कहना है कि 51 दिन के उपवास के बाद परिवार ने उसको उपवास खत्म करने के लिए कहा लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
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हैदराबाद में आराधना की मौत के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे जैन समुदाय के लोग इससे खफा हैं। शहर में व्हाट्सएप पर एक मैसेज में वायरल हो रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि उनके धर्म को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
व्हाट्सएप मैसेज में बताया जा रहा है कि अराधना की मौत की वजह व्रत नहीं है। उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
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गौरतलब है कि आराधना जैन परंपरा के 'चतुर्मास' उपवास के तहत 68 दिन तक व्रत पर रही। उस दौरान वह दिन में केवल दो बार गर्म पानी ही ग्रहण करती थी।
3 अक्टूबर को व्रत पूरा होने पर धूमधाम से उसकी यात्रा निकाली गई थी, जिसमें शहर के बहुत से गणमान्य लोग शामिल हुए थे।