कौन हैं सुषमा स्वराज को झूठा करार देने वाली पाकिस्तान की मलीहा लोधी
इस्लामाबाद। सोमवार को जब भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उंगा में अपना भाषण दिया तो पाकिस्तान की राजनयिक मलीहा लोधी ने ट्विटर पर सुषमा और भारत के खिलाफ मानों युद्ध की शुरुआत कर दी हो।
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मलीहा ने सुषमा की कही सारी बातों को झूठा का पुलिंदा करार दे डाला। मलीहा लोधी का नाम पहली बार आपने सुना हो, ऐसा नहीं हैं। पिछले करीब एक वर्ष से वह यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि हैं।
जर्नलिस्ट से राजनयिक बनीं मलीहा ने पिछले दिनों अमेरिका से मांग की कि पाक को परमाणु कार्यक्रम से रोकने से पहले भारत के कार्यक्रम को बंद कराया जाए जो दक्षिण एशिया में एक खतरनाक उन्माद को बढ़ावा दे रहा है।
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आइए आज आपको पाक की इसी मुखर राजनयिक के बारे में बताते हैं।
वर्ष 2014 में हुई नियुक्ति
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वर्ष 2014 में मलीहा लोधी को यूएन में पाक का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया था। फरवरी 2015 से मलीहा ने न्यूयॉर्क स्थित यूएन हेडक्वार्टर में अपना जिम्मा संभाला।
दो बार रह चुकी राजदूत
यूएन में प्रतिनिधि बनने से पहले मलीहा दो बार अमेरिका में बतौर पाक राजदूत अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। पहले वर्ष 1993-1996 और फिर 1999-2002 तक। इसके बाद वह वर्ष 2003-2008 तक यूनाइटेड किंगडम में पाक की राजदूत रहीं। मलीहा ने वर्ष 2001-2005 तक यूएन महासचिव के दल में सदस्य के तौर पर भी काम किया।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई
मलीहा ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की और फिर राजनीति शास्त्र में कुशलता हासिल की। मलीहा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स की फेलो भी रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने वाशिंगटन स्थित वूड्रू विल्सन सेंटर से अंतराष्ट्रीय मामलों की पढ़ाई की है। वह इंटरनेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी की सदस्य भी हैं।
संभ्रात परिवार से आती हैं मलीहा
मलीहा पाक पंजाब के लाहौर के काफी संभ्रात परिवार से आती हैं। उनके पिता ब्रिटिश ऑयल कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव थे और पाक में किसी ब्रिटिश कंपनी के पहले हेड नियुक्त हुए। उनकी मां ने पत्रकारिता से एमए किया था और इसके बाद उन्हें अमेरिका से जर्नलिस्ट में स्कॉलरशिप हासिल हुई थी।
जब बनींं एडिटर
70 के दशक में मलीहा पढ़ाई के लिए पाक से चली गईं और वर्ष 1986 में जब पाक में मार्शल लॉ खत्म किया गया तो मलीहा वापस लौटीं। यहां पर उन्हें 'द मुस्लिम' नामक इंग्लिश डेली का एडिटर बनाया गया। वर्ष 1987 से 1990 तक मलीहा इसकी एडिटर हीं। वर्ष 1990-1993 और 1997-1999 में वह द न्यूज इंटरनेशनल की फाउडिंग एडिटर रहीं।
अमेरिकी राजदूत
वर्ष 1994 में उन्हें उस समय की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने अमेरिका राजदूत नियुक्त किया। वर्ष 1997 तक वह इस पद पर रहीं और फिर वर्ष 1999 में परवेज मुशर्रफ ने उन्हें इसी पद दोबारा नियुक्त किया। वर्ष 2002 तक उन्होंने फिर इसका जिम्मा संभाला।
भुट्टो को सत्ता में लाईं वापस
लॉस एंजिल्स टाइम्स की ओर से एक बार लिखा गया जब अमेरिकी सीनटर्स इस्लामाबाद गए थे तो बेनजीर भुट्टो ने यह कहकर मलीहा का परिचय उनसे करवाया था कि मलीहा उनकी सबसे बड़ी आलोचक हैं। फिर जिन सूत्रों के हवाले से यह बात लिखी गई उन्होंने दावा किया कि भुट्टो को वर्ष 1993 में पाक की राजनीति में वापस लाने के लिए मलीहा ने काफी मेहनत की थी।
किताबें भी लिखीं
मलीहा ने दो किताबें भी लिखी हैं। पहली है 'पाकिस्तान्स एनकाउंटर विद डेमोक्रेसी' और दूसरी है 'पाकिस्तान: बियांड द क्राइसिस'। फरवरी 2015 में मलीहा ने पहली बार यूएन में कश्मीर को लेकर पाक का रुख अंतराष्ट्रीय मंच पर रखा था।