भाजपा के यूपी रथ पर मोदी और शाह के अलावा इन चार को ही क्यों मिली एंट्री?
बीजेपी की इस रथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा चार चेहरों को प्रतिनिधित्व सौंपा गया है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी सियासी दल अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुट गए हैं। इस कड़ी में जहां समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव हाईटेक रथयात्रा निकाल रहे हैं। इस बीच बीजेपी ने भी परिवर्तन यात्रा का दौर शुरू किया है। इसके लिए बीजेपी खास रथ निकालने जा रही है।
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मिशन यूपी पर बीजेपी, निकालेगी खास रथ
बीजेपी की इस रथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा चार चेहरों को प्रतिनिधित्व सौंपा गया है। इनमें न तो बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ शामिल हैं और न ही बीजेपी सांसद वरुण गांधी और स्मृति ईरानी हैं।
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मोदी-शाह के अलावा चार नेताओं को मिला प्रतिनिधित्व
जिन चेहरों को बीजेपी ने अपने रथ में प्राथमिकता दी है उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या शामिल हैं। बीजेपी का ये चुनावी रथ 5 नवंबर को सहारनपुर से सड़क पर उतरेगा।
आखिर क्या वजह रही कि बीजेपी ने इन चार चेहरों को ही अपने कैंपेन का हिस्सा बनाया? इन नेताओं की खूबियां क्या हैं और क्यों इन्हें खास तौर से अहम जिम्मेदारी सौंपी गई...
यूपी रथ में राजनाथ सिंह को प्रतिनिधित्व
यूपी में बीजेपी का बड़ा चेहरा और साफ-सुथरी छवि की वजह से राजनाथ सिंह को बीजेपी ने चुनावी रथ में प्रतिनिधित्व दिया है। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह का ठाकुर वोट बैंक पर गहरा असर है। यूपी की जनता में उनके असर को देखते हुए ही उन्हें इस मिशन में शामिल किया गया है।
राजनाथ सिंह लखनऊ से बीजेपी के सांसद और मोदी सरकार में गृहमंत्री हैं। साथ ही उनका विवादों से नाता नहीं होना भी एक बड़ी वजह है। राजनाथ सिंह बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं और उत्तर प्रदेश की जनता का मिजाज क्या रहता है ये भी वो समझते हैं। बनारस के पास चंदौली में जन्मे राजनाथ सिंह एक कुशल प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं।
ब्राह्मण वोटबैंक साधने के लिए कलराज मिश्र को प्रतिनिधित्व
उत्तर प्रदेश का चुनावी गणित साधने के लिए सभी प्रमुख दल ब्राह्मण वोटबैंक पर नजरें गड़ाए हुए हैं। इस वोट बैंक को साधने के लिए जहां कांग्रेस ने शीला दीक्षित को अपना सीएम उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीएसपी में सतीश चंद्र मिश्रा अहम ब्राह्मण चेहरा हैं।
इसी के मद्देनजर बीजेपी ने भी कलराज मिश्र को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर अपने यूपी रथ में प्रमुखता से शामिल किया है। बीजेपी को उम्मीद है कि कलराज मिश्र के जरिए ब्राह्मण वोटबैंक उनकी झोली में गिरेगा। कलराज मिश्र देवरिया से बीजेपी सांसद और मोदी सरकार में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री हैं। उनका ब्राह्मण वोटबैंक पर गहरा असर है।
उमा भारती के जरिए लोध वोटबैंक को साधने की कवायद
यूपी में चुनावी गणित साधने के लिए प्रदेश की जातीय गणित को समझना जरूरी होता है। इसी के मद्देनजर बीजेपी ने यूपी में परिवर्तन यात्रा को लेकर हर वोट बैंक को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। इसी के मद्देनजर पार्टी ने भाजपा सांसद उमा भारती को भी अपने रथ में प्रतिनिधित्व दिया है।
उमा भारती बीजेपी की फायर ब्रांड नेता हैं और झांसी से बीजेपी की सांसद हैं। उनका लोध वोटबैंक पर खासा असर है। उन्होंने चरखारी से विधानसभा चुनाव भी लड़ा है। ऐसे में बुंदेलखंड में वोटरों के मिजाज को वो काफी कुछ समझती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने उनका चुनाव किया है।
यूपी बीजेपी अध्यक्ष को मिला यूपी रथ में प्रतिनिधित्व
यूपी में चुनावी जीत के लिए जरूरी है कि हर वर्ग से समर्थन मिले। इसी के मद्देनजर यूपी का बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या को बनाया गया। केशव प्रसाद मौर्या पिछड़ी जाति से आते हैं। कोयरी समाज में इनका खासा असर है। इसलिए इन्हें यूपी रथ में शामिल किया गया है।
केशव प्रसाद मौर्या के जरिए बीजेपी की योजना मायावती के वोटबैंक पर सेंधमारी की है। देखना होगा कि आखिर उनका कितना असर वोटरों पर होगा। फिलहाल 5 नवंबर को बीजेपी परिवर्तन यात्रा के तौर पर अपना यूपी रथ उतारेगी। प्रदेश के हर हिस्से में इस रथ के जरिए वोटरों को लुभाने की कवायद की जाएगी।