IIMC के 11 में से 8 फैकल्टी मेंबर्स ने DG केजी सुरेश को पत्र लिख कर कहा- हमें करें कार्यमुक्त
नई दिल्ली। देश का प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) इन दिनों तमाम वजहों से सुर्खियों में है। कभी हवन को लेकर छात्रों का विरोध तो कभी किसी शिक्षक को उसके पद से हटाए जाने के मामले में आरोप-प्रत्यारोप। अब IIMC में एक नया मामला सामने आया है।
यहां के 11 में से 8 फैक्लटी मेंबर्स ने कहा संस्थान के महानिदेश के.जी. सुरेश को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें पाठ्यक्रम निदेशक और विभिन्न विभागों के प्रमुखों के पद से कार्य मुक्त कर दिया जाए क्योंकि अब ये 'एकतरफा, गैर-पारदर्शी और बिना ढांचे का प्रशासन है।'
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IIMC के अध्यक्ष को भी लिखा पत्र
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नाम ना प्रकाशित किए जाने की शर्त पर फैकल्टी मेंबर्स ने कहा कि शैक्षणिक और प्रशासनिक मुद्दों प्रशासन द्वारा विचार विमर्श नहीं किए जाने के मसले पर IIMC के अध्यक्ष को भी पत्र लिखा गया है। 7 जुलाई को संस्थान के महानिदेश के.जी. सुरेश को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 'हमे ऐसा लग रहा है कि IIMC तेजी से एकतरफा, गैर-पारदर्शी और बिना ढांचे का प्रशासन की ओर बढ़ रहा है।'
पत्र में लिखा गया है कि 'शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिए, IIMC प्रशासन की ओर से थोड़ी प्रतिबद्धता चाहिए होगी। पाठ्यक्रम निदेशक या विभागाध्यक्ष परिवर्तित किए जा रहे हैं तो नियुक्ति, कार्यभार के रोटेशन की अवधि के लिए मानक स्पष्ट किया जाना चाहिए। ऐसे में हम सामूहिक रूप से हम चाहते हैं कि हमें विभिन्न विभागों / अन्य प्रशासनिक जिम्मेदारियों से कार्यमुक्त किया जाए।'
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शास्वती गोस्वामी को बीते दिनों हटाया गया
IIMC के महानिदेशक के. जी. सुरेश ने हाल ही में रेडियो और टीवी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के एसोसिएट प्रोफेसर शास्वती गोस्वामी को पाठ्यक्रम निदेशक के पद से हटा दिया था। सुरेश ने दावा किया था हालांकि यह एक 'नियमित फेरबदल' था। गोस्वामी ने 6 जुलाई को अध्यक्ष IIMC को पत्र लिखकर दावा किया है कि उन्हें बतौर विभागाध्यक्ष पद से हटाए जाने का आदेश 'मनमाने ढंग से, सबसे अपमानजनक और अलोकतांत्रिक तरीके से बिना किसी परामर्श के दिया गया।'
अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में संकाय सदस्यों ने कहा, 'हम लगातार बेहतर शैक्षिक तंत्र और इस तरह के शैक्षणिक परिषद, पाठ्यक्रम में संशोधन के गठन के रूप में उपायों को स्थापित करने के लिए पूछ रहे हैं। नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए पूछ रहे हैं। लेकिन अब तक मुद्दों पर अब तक कोई चर्चा नहीं की गई है।'
के.जी. सुरेश ने कहा...
समाचार पत्र के अनुसार संस्थान के महानिदेशक के.जी. सुरेश ने कहा कि 'यह सब ड्रामा इसलिए है क्योंकि कुछ घूमने वाले संकाय सदस्यों के प्रति जवाबदेह बनाने की कोशिश की जा रही है। हर किसी को आधार सक्षम बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का पालन करना होगा। सभी को UGC के पैमाने की तनख्वाह मिल रही है। UGC प्रति सप्ताह काम के 40 घंटे काम करने के लिए कहता है। उनमें से ज्यादातर इस का पालन नहीं करते।'