युद्ध में दुश्मन को जवाब देने को तैयार 515 आर्मी बेस वर्कशॉप
बेंगलुरु। 15 जनवरी को 67वां आर्मी डे और शायद इससे बेहतर कोई और दिन नहीं हो सकता जब आपको इंडियन आर्मी के उस हिस्से के बारे में बताया जाए जिसे अगर सेना की रीढ़ कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा। बेंगलुरु स्थित इलेक्ट्रीकल एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) की एक अहम यूनिट 515 आर्मी बेस वर्कशॉप, सेना का वह अंग है जो सेना को टेक्नोलॉजी और नए आविष्कारों से लैस कर उसे ताकवर बनाता है। जानिए इस खास दिन पर इस खास यूनिट के बारे में।
200 आर्मी ऑफिसर और 1000 सिविलियन
- आर्मी बेस वर्कशॉप की इस यूनिट को वर्ष 1943 में शुरू किया गया था।
- यह आर्मी की पूरे देश में फैली आठ नेटवर्कशॉप्स का अहम हिस्सा है।
- 1000 सिविलियंस के साथ ही 200 आर्मी ऑफिसर्स इस यूनिट की जिम्मेदारी संभालते हैं।
- भारतीय सेना को यह यूनिट स्पेयर्स, उपकरण और सिमयूलेटर्स से जुड़ा सपोर्ट देती है।
- बेस वर्कशॉप ऑफिसर्स और जवान को कई तरह की कॉम्बेट स्किल्स खासतौर पर फायरिंग में परफेक्ट बनाने में मदद करती है।
युद्ध में सैनिक का मददगार
- एक अधिकारी की मानें तो किसी भी सैनिक के लिए स्मॉल आर्म सिमल्यूटर्स उसकी क्षमताओं को और बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
- बेस का अहम मकसद है कि वह ऐसे कंपोनेंट्स को मैन्यूफैक्चर करे और स्पेयर्स का बेहतर प्रयोग करे।
- ट्रॉमा केयर ट्रेनिंग सिमल्यूटर इस वर्कशॉप का हालिया संस्करण है।
- यह किसी भी अफसर को वॉर के समय सही फैसला लेने में मदद करती है।
- ट्रॉमा केयर कार्डियक से जुड़े मुद्दों, बंदूक की वजह से आए घावों और फ्रैक्चर्स को कैसे ठीक किया जाए, इस बारे में भी बताती है।
- एक अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले सात वर्षों में करीब 1350 सिम्यूलेटर्स तैयार किए गए हैं।
- इसके अलावा बंदूकों, टैंक्स, व्हीकल्स और छोटे हथियारों को भी तैयार किया जा चुका है।
- सेना को यहीं से यह चीजें सप्लाई की जाती हैं।
- आर्मी की 515 बेस वर्कशॉप उन लोगों को नेशनल अप्रैटिंसशिप का सर्टिफिकेट भी देती है जिन्होंने अपना आईटीआई कोर्स पूरा कर लिया होता है।
- उल्सूर में स्थित इस बेस को जल्द ही मॉर्डनाइजेशन के तहत बदलने की तैयारी भी चल रही है।
- केएंडके सब एरिया कमांड मेजर जनरल एके सिंह के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।
- इस कमांड की ओर से एक्स-सर्विसमेन, उनके परिवार वालों और शहीदों की विधवाओं के लिए कई तरह के प्रयास भी शुरू किए गए हैं।
- वनइंडिया के साथ बातचीत में एक ऑफिसर ने बताया कि एक्स-सर्विसमेन को सरकार की योजनाओं के तहत कई तरह के लाभ दिलाने के लिए यहां पर कई तरह के प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं।
- कर्नाटक सरकार के साथ जारी बातचीत में उन सैनिकों को लाभ दिलाने की प्रक्रिया पर चर्चा हो रही है जिन्होंने गैलेंट्री पुरस्कार जीते हैं।
हर सैनिक चुनौती से निबटने को तैयार
आर्मी डे के मौके पर सर्दन कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल अशोक सिंह ने कहा कि सेना के सामने इस समय कई तरह की चुनौतियां हैं और सेना समर्पण भाव के साथ इन्हें पूरा करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि हर सैनिक इन चुनौतियों को पूरा करने के लिए खुशी-खुशी आगे आएगा और देश में शांति को बरकरार रखने के लिए हर तरह के प्रयास किए जाएंगे।