उत्तराखंड जल प्रलय की 5 बातें जिनसे शर्मसार हो गई थी इंसानियत
देहरादून। हादसे अपने पीछे कड़वी यादें और ताज़ा ज़ख्म छोड़ जाते हैं। सालों गुजरने के बाद तस्वीरें तो नई सी हो जाती हैं पर तकदीरें भी पूरी तरह बदल जाएं, यह जरूरी नहीं। ऐसा ही हाल है उत्तराखंड की त्रासदी का। आज हादसे की बरसी पर कुछ ऐसे ज़ख्म उभर आए हैं, जिन्होंने एक साल पहले सिर्फ जिंदगियों को ही छलनी नहीं किया, बल्कि इंसानी जज़्बात भी बुरी तरह घायल हो गए थे।
घुमाएं यह स्लाइडर और जानें पांच ऐसी बातें जो उत्तराखंड की जल प्रलय में सामने आईं थी, जिनसे मानवता पूरी तरह शर्मसार हो गईं थीं-
खाने-पीने में हुई बेईमानी
हादसे से बचकर लौटे यात्रियों ने जब इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह बात बयां की , तो हर किसी का दिल सहम गया। कहा गया कि जब भूखे-प्यासे यात्री खाने की तलाश में थे तो उन्हें 5 रुपए का बिस्किट 40 और खाने का पैकेट 500 रुपए तक में बिका।
बढ़ा दिया किराया
उत्तराखंड हादसे के वक्त जब घाटी के आसपास पूरा यातायात बाधित हो चुका था तब लोग जान बचाकर कुछ दूरी पर शरण ले रहे थे। ऐसे में शिकायतें आईं कि आसपास के क्षेत्रों में बस-टैक्सी का किराया तीन से चार गुना तक बढ़ा दिया गया।
हेलो करना पड़ गया था महंगा
जिस पीसीओ का दौर अब दूर जा चुका है व पूरी दुनिया मोबाइल की माला में रमी हुई है, ऐसे में जब जल-प्रलय मची तो पीसीओ बूथ ने किराया चार से पांच गुना कर दिया। बिछड़ हुए लोग जो किस्मत से जिंदा बच गए थे, वे अपने परिवार से दूने-चौगुने दामों पर संपर्क कर रहे थे
आशियानों की कीमत बढ़ गई
जल प्रलय के बाद जो स्थान सुरक्षित बच गए थे, वहां यात्री शरण ले रहे थे। इसी बीच खबर यह भी थी कि मकान-धर्मशाला मालिकों ने मजबूरी का फायदा उठाया व किराया बढ़ा दिया, जिससे आम लोग सड़कों पर ही कपकपाती रातें गुजारते रहे।
जज़्बातों से लूटपाट
इंसानियत को चोट पहुंचाने वाली सबसे खौफनाक वारदात तब हुई जब इस प्रलय में तड़प रहे लोगों के साथ लूटपाट हुई। महिलाओं के गहने छीन लिए गए और पुरुषों के वैलेट झपट लिए गए।