CJI ने बनाई 5 सदस्यीय संविधानिक पीठ, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले चारों जजों को नहीं किया शामिल
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नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत में पिछले सप्ताह से मचा अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के गठन की घोषणा की। जिसमें ये चारों न्यायाधीश(न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ) को शामिल नहीं किया गया है। जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार पांच न्यायाधीशों की पीठ में सीजेआई दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल हैं। यह संविधान पीठ 17 जनवरी से कई महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई शुरू करेगी। यह पीठ आधार कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले, केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओें के प्रवेश पर रोक के विवादास्पद मुद्दे और सहमति से वयस्क समलैंगिकों के बीच यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के फैसले को चुनौती देने से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई करेगी।
इस बीच अदालत के सूत्रों ने कहा कि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि सीजेआई ने उन चार न्यायाधीशों से मुलाकात की या नहीं जिन्होंने 12 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन में सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाये थे। सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक चल रहे अटार्नी जनरल और बार काउंसिल के दावों के बीच जजों की चाय पर हुई मुलाकात में अंदर की कुछ और ही खबरें आ रही हैं। सोमवार को पारंपरिक तौर पर सभी जज चाय पर मिले। यह सुप्रीम कोर्ट की परंपरा है कि कि दिन का काम शुरू होने से पहले जज चाय पर मिलते हैं।
टीओआई में छपी खबर के मुताबिक चाय के दौरान एक जूनियर जज का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करनेवाले जजों को खूब खरी-खोटी सुनाई। जूनियर जज ने कहा, 'आप प्रेस के पास क्यों चले गए? आपने मीडिया से बात करने से पहले हमें बताना भी जरूरी नहीं समझा। आपको चीफ जस्टिस के द्वारा केसों का रोस्टर तैयार करने को लेकर कुछ शिकायत थी तो आप पहले हमसे बात करते।' वही हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक एक अन्य जज अरुण मिश्रा इस मीटिंग में रो पड़े। आपको बता दें कि जस्टिस मिश्रा सीबीआई जज लोया की मौत से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रहे हैं।