आजमगढ़ बन रहा आतंकियों का अड्डा, 3 फरार आतंकी पहुंचे ISIS
आजमगढ़। इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन के आतंकियों के आईएसआईएस में शामिल होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं भारत से भी य़ुवकों के आईएसआईएस में शामिल होने की खबरों ने खुफिया विभाग के कान खड़े कर दिये हैं।
खुफिया विभाग की मानें तो मिर्ज शाहबाद बेग, मोहम्मद खालिद और जुनैद नाम के युवको ने सीरिया में आईएस में शामिल हो गये हैं। सूत्रों की मानें तो इन तीनों युवकों ने दो साल पहले अफगानिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त किया। गौरतलब है कि इन तीनों की भारत में कई जगह ब्लास्ट कराने के चलते पुलिस को तलाश है।
कौन हैं तीनों आतंकी
मिर्जा शादाब बेग को नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी तलाश कर रही है और उसे वांटेड भी घोषित किया गया है। बेग आजमगढ़ का रहने वाला है और जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में पुलिस को उसकी तलाश है। बेग इंडियन मुजाहिदीन का एक अहम सदस्य है।
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वहीं मिर्जा खान का जन्म 2985 में हुआ था यही नहीं वह भी आजमढ़ का रहने वाला है। जुनैद नाम के तीसरे आतंकी का भी ताल्लुक आजमगढ़ से है। ये तीनों ही आतंकी आजमगढ़ के रहने वाले हैं।
जुनैद खान की भी दिल्ली और जयपुर ब्लास्ट में पुलिस को तलाश है और वह पिछले पांच साल से फरार है। इसने भी सीरिया जाने से पहले अफगानिस्तान में अल कायदा से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
मोहम्मद खालिद भी आजमगढ़ का रहने वाला है और वह भी जयपुर ब्लास्ट में वांटेड है। खालिद ने भी बेग और जुनैद के साथ कई वारदातों को एक साथ अंजाम दिया था। खालिद के उपर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित है और उसके खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया है।
कैसे पहुंचे आईएसआईएस में
इंडियन मुजाहिदीन के मुख्य संचालक सुल्तान अरमार ने जब आईएम से अपना रास्ता अलग किया तो उसने कई युवकों को अपनी नये संगठन में शामिल किया। अरमार को यासीन भटकल का भी सहयोग प्राप्त था जिसकी मदद से उसने अंसर-उत-तवाहिद के तहत भारतीय युवाओं को आईएस में शामिल करने का जिम्मा उठाया।
हालांकि अरमार की दो महीने पहले सीरिया में मौत हो गयी थी। वह आईएस के लिए लड़ाई लड़ रहा था, लेकिन उसकी मौत के बाद शफी अरमार ने उसका जिम्मा अपने उपर ले लिया। हाल ही में आईएस की मीडिया विंग ने खुद इस बात को साफ किया है कि उसने तीन भारतीय युवाओं को जोकि आजमगढ़ के रहने वाले हैं।
वहीं इंटेलिजेंस ब्यूरो की मानें तो 16 भारतीय युवा आईएस में शामिल थे। वहीं आईबी एक खुफिया अभियान भी चला रही है ताकि भारतीय युवाओं को आईएस में शामिल होने से रोका जा सके।