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पाक कभी नहीं कर सकता 26/11 में भारत के साथ इंसाफ

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मुंबई। आपने पढ़ा (CLICK ON PREVIOUS) कि कैसे डेविड हेडली 'मिस्‍ट्री मैन' बनकर हमलों से पहले मुंबई का सर्वे करता रहा और किसी को कुछ पता ही नहीं लग पाया। वहीं अब जानिए कि आखिर पड़ोसी देश पाकिस्‍तान में इस केस की क्‍या हालत है क्‍योंकि हमले की सारी साजिश वहीं रची गई।हमले के एक-एक पल की खबर वहां आईएसआई और हाफिज सईद को लगती रही लेकिन आज भी कोई बड़ा कदम पाक की ओर से उठाया ही नहीं गया।

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जेल से बाहर सईद हकीकत बताने को काफी

इस बारे में जितना कम कहा जाए उतना ही बेहतर होगा। वह कहते हैं कि अब तो पाक में इस केस का ट्रायल एक कभी न खत्‍म होने वाला ट्रायल बनकर रह गया है।

वर्तमान हालातों को देखकर तो कोई भी इस बात को पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ कह सकता है। हमले का मास्‍टरमाइंड हाफिज सईद न सिर्फ जेल से बाहर है, बल्कि वह भारत पर और हमलों की साजिश की योजनाओं में व्‍यस्‍त है। फिलहाल उसका मकसद किसी भी तरह से कश्‍मीर में जारी चुनावों में अशांति फैलाना है।

इस पूरे हमले का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी जेल में है। लेकिन यह भी हकीकत है कि जल्‍द ही उसके खिलाफ ट्रायल भी खत्‍म हो जाएगा। वी बालचंद्र ने जानकारी दी कि लखवी को जेल में मोबाइल फोन

मिला हुआ है, टीवी है और वह पूरी तरह से जेल के अंदै र शान से जिंदगी बिता रहा है। पाक में कहा जाता है कि भारत की ओर से इस हमले के लिए जितने भी सुबूत मुहैया कराए गए हैं, वह नाकाफी हैं।

जबकि भारत ने तो पाक के उस कमीशन को भी पूरी सुविधा मुहैया कराई जो इस सिलसिले में भारत आकर गवाहों से पूछताछ करने वाला था।

पाक ने हमेशा ही तल्‍खी के साथ प्रयासों को न सिर्फ नकारा है बल्कि उन्‍हें गैरजरूर भी बताया। एनआईए के उस अनुरोध को भी पाक ने खारिज कर दिया जिसमें हाफिज सईद से पूछताछ कही बात कही गई थी।

मीर को छिपाता पाक

भले ही मुंबई हमलों का लोकल लिंक एक राज रहे लेकिन एक और शख्‍स है जिसके खिलाफ पाक कभी भी कुछ नहीं बोलता है। यह शख्‍स कोई और नहीं बल्कि पाक सेना का पूर्व अधिकारी साजिद मीर है। मीर ही वह शख्‍स है जो असल में इन हमलों को नियंत्रित कर रहा था। मीर अक्‍सर हेडली के संपर्क में था और कंट्रोल रूम से वह हमलावरों को हमले के दौरान आदेश दे रहा था।

पाकिस्‍तान अक्‍सर ही मीर की मौजूदगी के बारे में इंकार करता आया है। जबकि मीर भारत की मोस्‍ट वांटेड लिस्‍ट में सबसे ऊपर है। इंटेलीजेंस की रिपोर्ट पर अगर यकीन किया जाए तो मीर पाक के लिए काफी अहम है और पाक कभी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं देगा। अगर पाक ऐसा करता है तो उसकी सेना की पोल खुल जाएगी।

भारत में केस की स्थिति

मुंबई ब्रांच की ओर से भारत में इस केस की जांच को पूरा कर लिया गया है। एनआईए‍ फिलहाल इस केस के विदेशी लिंक के बारे में जांच जारी रखे हैं। एनआईए की गिरफ्त में इस समय अबु जुंदाल नाम का वह शख्‍स है जो उसके लिए काफी जरूरी है।

जुंदाल ने हमले में शामिल 10 आतंकियों को हिंदी की ट्यूशन दी थी। जुंदाल महाराष्‍ट्र का रहने वाला है और कई वर्ष पहले पाक चला गया था। यहां पर वह लश्‍कर-ए-तैयबा का हिस्‍सा बन गया। जुंदाल मुंबर्इ हमलों के समय कंट्रोल रूम में मौजूद था।

हेडली का प्रत्‍यपर्ण न हो पाने बावजूदएनआईए ने इस केस में थोड़ी तरक्‍की की है। एनआईए ने अमेरिका में मौजूद दो गवाहों के बयानों को रिकॉर्ड कर लिया है। इसके अलावा हेडली के दो मेल भी इनके पास हैं। एनआईए अधिकारियों ने अमेरिका के साथ एक नॉन-डिस्‍क्‍लोजर एग्रीमेंट भी साइन किया है। इसके तहत एनआईए एक चार्जशीट तैयार करेगा और इन आरोपियों को दिल्‍ली की अदालत में पेश किया जाएगा।

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English summary
26/11 Mumbai terror attack and its trial in Pakistan seems a never ending trail.
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