26/11 हमले: क्रिकेट फैन बनकर आया साजिद और बहा गया खून
मुंबई। जब भी 26/11 हमले यानी मुंबई आतंकी हमलों के आतंकियों की बात आती है, तब हर किसी की जुबान पर तीन नाम होते हैं- कसाब, जिसे मौत दी जा चुकी है, लश्कर ए तैयबा के जकी-उर रहमान लखवी और हाफिज़ सईद। एक नाम और है- साजिद मीर, जो जल्दी किसी की जुबान पर नहीं आता। जबकि सच तो यह है यह वो शख्स है, जो क्रिकेट फैन बनकर भारत आया और मुंबई हमले में सबसे ज्यादा खून इसी ने बहाया।
कौन है साजिद मीर
भारत और अमेरिका ने मिलकर 26/11 हमलों की जांच की तो उसमें पाया गया कि भारत को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाने का काम साजिद मीर नाम के आतंकी ने किया था। दुनिया की कई खुफिया एजेंसी कहती हैं कि यह आतंकी पाकिस्तान में है, जबकि पाकिस्तान कहता है कि साजिद मीर महज एक काल्पनिक कैरेक्टर है।
इजरायल और भारत के खुफिया विभागों ने पाकिस्तान की इस बात को झुठलाने के लिये निरंतर प्रयास किये और अंतत: साजिद मीर की लोकेशन ट्रैक कर ली गई। साजिद वो आतंकी है, जो लश्कर-ए-तैयबा की इंटरनेशनल डीलिंग करता है और हाफिज सईद के खास आदमियों में से एक है। अब सवाल यह है कि इस आतंकी को भारत जिंदा या मुर्दा पकड़ पायेगी कि नहीं।
साजिद मीर से जुड़े रहस्य
- जिस वक्त मुंबई हमलों को अंजाम दिया जा रहा था, उस वक्त ये कराची में कंट्रोल रूम में बैठा हुआ था।
- 26/11 हमलों से करीब दो साल पहले क्रिकेट फैन बनकर भारत आया और उस जगह का सर्वे किया जहां हमले हुए।
- यही वो व्यक्ति है, जो मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिये डेविड हेडली के साथ रहा।
- जनवरी 2015 में पता चला था कि साजिद मीर मुरडीक में है, जहां लश्कर अपने कैम्प चलाता है।
- साजिद का पैतृक निवास लाहौर में गंदा नाला लेन में है।
- हमले के बाद ये अंडरग्राउंड हो गया और पाक ने कहा कि ऐसा कोई व्यक्ति है ही नहीं।
- केवल अंडरग्राउंड रहने की और कुछ नहीं करने की भारी-भरकम सैलरी पाता है साजिद मीर।
- ऐसे आतंकियों को आईएसआई खास वारदातों को अंजाम देने के लिये अपने साथ रखता है।
पाकिस्तान से बाहर कभी नहीं गया साजिद मीर
26/11 हमलों के बाद आईएसआई ने साजिद मीर को अंडरग्राउंड कर दिया। हालांकि आम तौर पर ये लोग ऐसी परिस्थितियों में अपने करीबियों को अरब देश भेज देते हैं। साजिद के साथ ऐसा नहीं किया। मुंबई पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाले आतंकवादियों को हिन्दी पढ़ाने वाले अबु जुंदाल की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह पाकिस्तान में ही है और वहां से बाहर कभी नहीं गया।