आम बजट के बारे में ये 18 बातें शायद ही जानते होंगे आप! इस बार रेल बजट अलग से नहीं किया जाएगा पेश
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली नोटबंदी के बाद पहली बार बजट पेश करने को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। एक फरवरी को पेश होने जा रहे बजट की तारीख को लेकर शुरुआत से ही विवाद छिड़ा है और पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए कई कानूनी रुकावटें भी आईं लेकिन सब को पार करते हुए वित्त मंत्री एक फरवरी को साल 2017-18 का बजट पेश करेंगे। यह रेलवे समेत सभी सेक्टरों का मिला-जुला बजट होगा। इस बार रेल और आम बजट अलग-अलग नहीं होंगे। नोटबंदी के बाद मध्यम वर्ग टैक्स में राहत की राह देख रहा है। बजट से पहले जानिए 8 रोचक तथ्य जो शायद ही जानते हों आप।
1. बजट पेश करने की तारीख देश के राष्ट्रपति की ओर से तय की जाती है। देश का आम बजट दो हिस्सो में होता है। पहले हिस्से में आम आर्थिक सर्वे किया जाता है और दूसरे में टैक्स पॉलिसी की चर्चा की जाती है।
2. बजट पेश करने से एक हफ्ते पहले से बजट प्रिंटिंग में लगे कर्मचारियों को पूरी तरह गुप्त जगह रखा जाता है।
3. पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था। यह बजट ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश साम्राज्य के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था।
4. साल 1951-52 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पहले गवर्नर और वित्त मंत्री सी.डी. देशमुख ने अंतरिम बजट पेश किया था।
5. जवाहर लाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने बजट पेश किया। नेहरू 1958-59 में वित्त मंत्रालय का काम भी देखते थे।
6. मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया। देसाई इकलौते ऐसे वित्त मंत्री थे जिन्होंने अपने जन्मदिन पर (29 फरवरी 1964 और 1968) दो बार बजट पेश किया।
7. इंदिरा गांधी इकलौती महिला वित्त मंत्री थीं जिन्होंने 1970-71 में यह कार्यभार संभाला।
8. 1947 में भारत सिर्फ आजाद नहीं हुआ बल्कि पहली बार देश का आम बजट पेश किया गया। स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आरके शंमुखम ने पेश किया जबकि भारतीय गणतंत्र का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था।
9. बजट पेपर पहले सिर्फ अंग्रेजी में छपते थे लेकिन बाद में 1955-56 से इन्हें हिंदी में भी छापा जाने लगा।
10. कालाधन घोषित करने को लेकर पहली बार 1965-66 में योजना लाई गई थी। साल 2017-18 का बजट नोटबंदी के बाद पहला बजट होगा।
11. साल 1973-74 के बजट को 'ब्लैक बजट' के नाम से जाना जाता है।
12. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1994-95 के बजट में पांच फीसदी सर्विस टैक्स लागू किया था। उन्होंने बताया था कि इस सेक्टर का देश की अर्थव्यवस्था में 40 फीसदी योगदान है।
13. मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 1982 में बतौर वित्त मंत्री बजट पेश किया था। उन्होंने बजट पेश करने में 95 मिनट का वक्त लिया था जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कहना पड़ा- 'सबसे छोटे वित्त मंत्री ने सबसे लंबा बजट पेश किया।'
14. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने साल 1987-88 में वीपी सिंह के सरकार छोड़ने के बाद बजट पेश किया। उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स की शुरुआत की थी।
15. पहली बार एक साल में दो पार्टियों के नेताओं ने अलग-अलग बजट पेश किया। साल 1991-92 का अंतरिम बजट बीजेपी के यशवंत सिन्हा ने पेश किया जबकि फाइनल बजट मनमोहन सिंह ने पेश किया।
16. यशवंत सिन्हा की ओर से पेश किए गए बजट में सबसे ज्यादा रोल बैक थे। 1991 में उनके बजट पर फोरेक्स क्राइसिस की झलक दिखी थी जबकि 1999 के बजट में पोखरण धमाकों का असर दिखा।
17. साल 2000 के बजट पर कारगिल युद्ध का असर रहा। जबकि साल 2001 के बजट के समय गुजरात भूकंप की मार दिखी।
18. शुरुआत में ब्रिटिश राज में सप्ताह के आखिरी कामकाजी दिन में बजट शाम पांच बजे पेश किया जाता था। जबकि ब्रिटिश संसद दोपहर में बजट पास करती थी। भारत पहले शाम के वक्त बजट पेश करने की परंपरा ही अपनाता रहा लेकिन यशवंत सिन्हा ने इसमें बदलाव किया। इसके बाद से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा।