नोट बंदी: हिसार से दीमापुर तक 'एयरलिफ्ट' किया गया 18 करोड़ कैश
नोटबंदी के कुछ दिन बाद ही ये खेल शुरू हुआ।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संदेश में 500 और 1,000 रुपए के करेंसी नोट बंद किए जाने की घोषणा की थी।
इसके कुछ दिन बाद हरियाणा स्थित हिसार से नागालैण्ड के दीमापुर तक के लिए कम से कम 4 प्राइवेट जेट, विमुद्रीकृत हो चुके नोटों के साथ उड़ा। ऐसा दावा हफिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में किया गया है।
इस संबंध का लिया सहारा
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हफिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी जांच में यह पता चला है कि हरियाणा के एक व्यवसायी का बड़े राजनेता से संबंध है। इस फायदेमंद कदम के लिए इसी संबंध का सहारा लिया गया है।
करेंसी के फ्लाइट की जांच कर रहे एक बड़े अधिकारी ने बताया कि नकदी की पहली पहली खेप 12 नवंबर को आई।
इसके बाद 13, 14 नवंबर को भी नकदी की खेप पहुंची। पहली तीन एयरलिफ्ट में 5 बड़े बैग थे। इन सभी बैगों में 500 और 1,000 रुपए के विमुद्रीकृत नोट थे।
22 नवंबर को आई आखिरी उड़ान
इसी मामले की जांच से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नकदी की आखिरी उड़ान 22 नवंबर को आई। साथ ही नकदी के चारों खेप हरियाणा के एक व्यवसायी ने दीमापुर भेजी।
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बताया गया कि चार एयरलिफ्ट में 18 करोड़ रुपए हिसार से दीमापुर भेजा गया। इस मामले में मजे की बात ये है कि 22 नवंबर को नकदी खेप आने के बाद दीमापुर के व्यवसायी और पूर्व संसद सदस्य हेजुखो खेइखो झिमोमी के पुत्र एंताओ झिमोमी ने इन रुपयों पर दावा किया।
पुलिस और आयकर विभाग को भेजे गए एक पत्र में एंताओ झिमोमी ने कहा है कि हिसार तक जमीन के रास्ते भेजा।
कृषि से अर्जित की यह आय
अपने पत्र में उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य से जमीन का सौदा नहीं हो सका, ऐसे में मैंने अमर जीत सिंह से कहा कि वो मेरा रुपया वापस कर दें। ऐसे मैं उन्होंने मेरा 3.5 करोड़ रुपए भेज दिया। एंताओ ने यह दावा भी किया यह 3.5 करोड़ रुपए, कृषि से अर्जित किए हैं।
इस मामले में एक अन्य जांच कर्ता के मुताबिक एंताओ के खाते में 4 करोड़ रुपए पाए गए हैं। इसिलए यह देखा जा सकता है कि विमुद्रीकरण के बाद करीब 23.5 करोड़ रुपए दीमापुर भेजे गए हैं।
हिसार से दीमापुर
हालांकि यहां से इस मामले में बड़ा मोड़ आया। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों और नागालैण्ड पुलिस के सूत्रों ने बताया कि नकदी की आखिरी खेप 3.5 करोड़ में से 13,000 रुपए नकली भारतीय करेंसी थी।
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प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए एयरक्राफ्ट हर बार दिल्ली से हिसार पहुंचा और हिसार फ्लाइंग क्लब में लैंड किया। अधिकारियों का कहना है कि दीमापुर के लिए उड़ान भरने से पहले कैश हिसार में लोड किया जाता था।
सूत्रों का कहना है कि नागालैण्ज एयरलिफ्ट किए गए कैश को हिसार के व्यवसायी को बैंक में ट्रांसफर कर भेजा गया।