अग्नि-5 के फाइनल परीक्षण की तैयारी पूरी, चीन को निशाने पर लेने की है क्षमता
रक्षा सूत्रों के मुताबिक अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की तैयारी पूरे जोरों पर है। परमाणु क्षमता से लैस इस मिसाइल का परीक्षण दिसंबर या फिर जनवरी में होने की संभावना है।
नई दिल्ली। इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के परीक्षण की तैयारी पूरी कर ली गई है। ओडिशा के व्हीलर आइलैंड पर करीब दो साल बाद इस मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा।
अग्नि-5 के जल्द परीक्षण की तैयारी पूरी
रक्षा सूत्रों के मुताबिक अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण की तैयारी पूरे जोरों पर है। परमाणु क्षमता से लैस इस मिसाइल का परीक्षण दिसंबर के आखिर में या फिर जनवरी में होने की संभावना है।
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सूत्रों के मुताबिक जनवरी 2015 में हुए पिछले परीक्षण के दौरान अग्नि-5 में कुछ तकनीकी खामियां सामने आई थी। इसमें आंतरिक बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में कुछ समस्याएं देखने को मिली थी जिसके बाद इसमें कुछ बदलाव किया गया है।
भारत की मंशा 48 देशों के न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) का हिस्सा बनने की है। इसी के मद्देनजर भारत कूटनीतिक तरीके से इस ओर कदम बढ़ा रहा है। बता दें कि इस साल चीन ने ही भारत के एनएसजी का सदस्य बनने की राह को रोका था।
चीन के उत्तरी इलाकों को निशाना बनाने की क्षमता
बावजूद इसके भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 34 देशों वाले मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का हिस्सा बनने में सफलता हासिल की। वहीं भारत ने हाल ही में जापान के साथ सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन एग्रीमेंट किया है।
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अग्नि-5 मिसाइल का ये चौथा परीक्षण है, इसकी क्षमता चीन के उत्तरी इलाके को निशाने पर लेने की है। सूत्रों के मुताबिक ये अग्नि-5 मिसाइल का फाइनल टेस्ट होगा। इसमें फुल रेंज का टेस्ट किया जाएगा।
इस परीक्षण के बाद स्ट्रेटजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) के जरिए कम से कम दो टेस्ट किया जाएगा। उसके बाद इसे सेना में शामिल करने की कवायद शुरू की जाएगी।
अग्नि-5 के तीन टेस्ट हो चुके हैं पहले
बता दें कि तीनों सेनाओं से जुड़ी एसएफसी की स्थापना 2003 में की गई थी, जो भारत के परमाणु हथियारों की देखरेख करती है।
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अग्नि-5 का परीक्षण सबसे पहले अप्रैल 2012 में किया गया। दूसरी बार सितंबर 2013 में, फिर जनवरी 2015 में इस मिसाइल का तीसरा टेस्ट हुआ।
तीसरे टेस्ट में इस मिसाइल को टाट्रा लॉन्चर ट्रक से इसे लॉन्च करने की कोशिश की गई थी। बता दें कि मिसाइल की खूबी इसकी क्षमता को बढ़ा देती है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसके माध्यम से 50 टन की मिसाइल को कहीं भी ले जाकर छोड़ा जा सकता है।
अगर अग्नि-5 मिसाइल भारतीय सेना में शामिल हो जाता है तो ये आईसीबीएम मिसाइलों वाले खास क्लब में शामिल हो जाएगा। इस क्लब में अमेरिका, रुस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन हैं। इस क्लब में 5000 से 5500 किमी तक की रेंज वाली मिसाइलें शामिल होती हैं।