एनडीटीवी बैन: एडिटर्स गिल्ड की सरकार से फैसला वापस लेने की मांग
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि सरकार का ये फैसला मीडिया की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। ये नागरिकों की स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है।
नई दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन के प्रतिबंध की आलोचना की है। एडिटर्स गिल्ट ने कहा कि ये फैसला मीडिया की स्वतंत्रता पर अतिक्रमण जैसा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक दिन का लगाया है बैन
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एनडीटीवी पर एक दिन का बैन लागने का आदेश दिया है। मंत्रालय के इस फैसले की चर्चा जहां सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा है वहीं अब इस फैसले की एडिटर्स गिल्ड ने कड़े शब्दों में निंदा की है।
बैन पर एनडीटीवी का बयान, इमरजेंसी के बाद ये पहली असाधारण घटना
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राज चेंगप्पा, महासचिव प्रकाश दुबे और कोषाध्यक्ष सीमा मुस्तफा के नाम से जारी एक साझा बयान में कहा गया है कि सरकार का ये फैसला मीडिया की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि ये नागरिकों की स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है। सरकार का ये फैसला आपातकाल की यादों को ताजा करता है। एडिटर्स गिल्ड ने सरकार से एनडीटीवी इंडिया के बैन को वापस लेने की मांग की है।
बीईए ने बैन को बताया बोलने की आजादी के खिलाफ
ब्रॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने भी एनडीटीवी इंडिया पर बैन को बोलने की आजादी के खिलाफ बताया है। बीईए ने भी सरकार से इस बैन को वापस लेने की मांग की है।
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एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन के बैन को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज है।
Firmly worded Editors' Guild condemnation of ban on NDTVIndia. Correct to call it censorship, compare with Emergency pic.twitter.com/FDUU5myIBQ
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) November 4, 2016
राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट #Office of RG ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष के नेताओं को हिरासत में लेना, टीवी चैनल को ब्लैक आउट करना, मोदी जी के भारत में यही सारे काम हो रहे हैं। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर बैन को चौंकाने वाला करार दिया है।
Detaining opposition leaders, blacking out tv channels- all in a day's work in Modiji's India. #NDTVBanned-shocking & unprecedented https://t.co/PXR7c2x20y
— Office of RG (@OfficeOfRG) November 4, 2016
एनडीटीवी ने बैन पर रखा अपना पक्ष
इस बीच एक दिन के बैन पर एनडीटीवी ने अपना पक्ष रखा है। एनडीटीवी ने अपने बयान में इमरजेंसी के बाद पहली बार प्रेस के लिए इस तरह के हालात की बात कही है। मंत्रालय से आदेश प्राप्त होने के बाद एनडीटीवी ने इस पर बयान जारी किया है।
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''सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आदेश प्राप्त हो चुका है। बेहद हैरानी की बात है कि एनडीटीवी को इस तरीके से चुना गया। हर चैनल और अखबार की कवरेज एक जैसी ही थी। वास्तविकता यह है कि एनडीटीवी की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी। आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेडि़यों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है। इसके मद्देनजर इस मामले में एनडीटीवी सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।''