वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा- अभी दोबारा जारी नहीं किया जाएगा 1000 का नोट
विमुद्रीकरण के फैसले के बाद देश भर में मचे हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक बड़ा ऐलान किया है।
नई दिल्ली। विमुद्रीकरण के फैसले के बाद देश भर में मचे हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक बड़ा ऐलान किया है। अरूण जेटली ने कहा कि 1000 रुपए के नोट को अभी दोबारा जारी नहीं किया जाएगा।
वहीं सरकार ने 500-2000 रुपए के नए नोट जारी करने शुरू कर दिए हैं। वहीं आने वाले समय में 50 और 100 रुपए के नए नोट भी जारी किए जा सकते हैं।
आपको बताते चलें कि 8 नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500-1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का फैसला किया तो एक तरफ खुश होकर इस फैसले की तारीफ करने लगे हैं तो दूसरी तरफ गुस्से में आकर इस फैसले की आलोचना भी कर रहे थे।
विपक्षी तर्क दे रहे हैं कि 2000 रुपए का नोट आने से भ्रष्टाचार कैसे कम हो जाएगा?
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वित्त
मंत्रालय
और
भारतीय
रिजर्व
बैंक
के
माथापच्ची
कर
रहे
वहीं
दूसरी
तरफ
बाजार
में
रुपए
की
उपलब्धता
बरकरार
रखने
के
लिए
वित्त
मंत्रालय
और
भारतीय
रिजर्व
बैंक
के
माथापच्ची
कर
रहे
थे।
आरबीआई
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
बाजार
में
नोटों
की
उपलब्धता
पर्याप्त
हो
इसके
लिए
अधिक
से
अधिक
नए
500-2000
रुपए
के
नोट
छापे
जा
रहे
हैं।
आरबीआई
के
मुताबिक
इस
समय
सभी
नए
नोट
छापने
पर
10,861
करोड़
रुपए
का
खर्चा
आ
रहा
है।
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आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015-16 में 5 रुपए के 5,000 मिलियन नोट, 10 रुपए के नोट 30,000 मिलियन नोट, 20 रुपए के 3000 मिलियन नोट, 50 रुपए के 2500 मिलियन, 100 रुपए के 15,000 मिलियन नोट, 500 रुपए के 15,000 मिलियन नोट, 1000 रुपए के 5000 मिलियन नोट छापे थे।
नोट बंदी के फैसले के बाद जितनी तेजी से बैंकों में पुराने नोट जमा किए जा रहे हैं। उतनी ही तेजी से नए नोट प्रिटिंग होने के बाद बैंक पहुंच रहे हैं। वर्ष 2012 के आंकडों के मुताबिक आरबीआई को 5 रुपए का नोट छापने पर 40 पैसे, 10 रुपए का नोट छापने पर 90 पैसे, 20 रुपए का नोट छापने पर 1.50 रुपए, 50 रुपए का नोट छापने पर 1.60 रुपए, 500 रुपए का नोट छापने पर 2.50 रुपए और 1000 रुपए का नोट छापने पर लागत 3.10 रुपए की लागत आती थी।
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