अमित शाह से नीतीश कुमार ने की गुपचुप मुलाकात, गरमाई सियासत
प्रशांत किशोर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों के ही करीबी माने जाते हैं। ऐसे में उन्होंने दोनों नेताओं की दिल्ली में मुलाकात कराई।
नई दिल्ली। जहां एक ओर नोटबंदी को लेकर दिल्ली की सियासत गरमाई हुई है। इस बीच खबर आ रही है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से हाल ही में मुलाकात की है।
दिल्ली में एक फॉर्महाउस में मिले नीतीश और अमित शाह
खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की व्यवस्था चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कराई।
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प्रशांत किशोर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों के ही करीबी माने जाते हैं। ऐसे में उन्होंने दोनों नेताओं की दिल्ली में मुलाकात कराई।
नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक एक नवंबर को गुरुग्राम के एक फॉर्महाउस में दोनों बड़े नेताओं की मुलाकात हुई। रिपोर्ट के मुताबिक मुलाकात के बाद अमित शाह पंजाब में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए रवाना हो गए।
इस मुलाकात के क्या हैं मायने
मुलाकात के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार राजधानी में ही रुके। जहां उन्हें लॉ कमिशन की बैठक में हिस्सा लेना था। अगर रिपोर्ट पर भरोसा करें और मान लें कि ये बैठक वाकई में हुई है तो इससे उन अफवाहों को और मजबूती मिल जाती है कि नीतीश कुमार के संपर्क में हैं।
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बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने खुले तौर पर मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया था। इतना ही नहीं नीतीश दीन दयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी मनाने के लिए गठित समिति का हिस्सा भी हैं।
प्रशांत किशोर अभी तक कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति देख रहे थे। एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक कांग्रेस, प्रशांत किशोर के खिलाफ आ रही ऐसी शिकायतों के बाद उन्हें हटाने की तैयारी कर रही है। उनके खिलाफ यूपी के कई नेताओं ने शिकायत की थी।
महागठबंधन के भविष्य पर उठ रहे सवाल
कुल मिलाकर जिस तरह की रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं ऐसे में महागठबंधन के टूटने की संभावनाएं बढ़ती दिख रही हैं। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बुधवार को इसका एक इशारा किया था। उन्होंने कहा कि उनकी महागठबंधन के कुछ नेताओं से कुछ मामलों में असहमति है।
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बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि नोटबंदी पर कांग्रेस का अलग विचार है। उन्होंने कहा कि आलाकमान के फैसले के बाद किसी भी समय महागठबंधन से कांग्रेस पार्टी अलग हो सकती है।
ऐसा पहली बार है जब महागठबंधन से जुड़े किसी बड़े नेता ने इस तरह से गठबंधन तोड़ने का सीधा ऐलान किया है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी खुले तौर पर दिए बयान से साफ है कि बिहार सरकार चला रही महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है।