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500-1000 नोट पर बैन: बीजेपी की पोल खोलने वाला वीडियो हुआ वायरल

यूपीए सरकार के डिमोनेटाइजेशन फैसले का किया था भाजपा ने घोर विरोध। अब मोदी सरकार के वैसे ही फैसले पर भाजपा थपथपा रही अपनी पीठ।

By Rajeevkumar Singh
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दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपीए सरकार के 2005 से पहले के नोटों को बदलने के फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने भारी विरोध किया था और कहा था कि यह कदम काले धन की रोकथाम में कारगर साबित नहीं होगा।

अब 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार ने काले धन पर रोक लगाने के लिए वैसा ही फैसला लिया है तो भाजपा 2014 में कही गई बातों के विरोध में जाकर अब अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है।

सोशल मीडिया पर मीनाक्षी लेखी का वह प्रेस कॉन्फ्रेंस काफी चर्चा में है जिसमें उन्होंने यूपीए के डिमोनेटाइजेशन मूव के खिलाफ काफी कुछ कहा था।

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meenakshi lekhi on bjp

2014 में मनमोहन सरकार ने लिया था डिमोनेटाइजेशन का फैसला

2014 के जनवरी में यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार ने नोटों के डिमोनेटाइजेशन का फैसला लिया था। इस कदम के तहत 2005 से पहले के सभी नोटों के बदले नए नोट जारी किए गए थे।

भाजपा ने उस समय यूपीए के इस कदम का आलोचना की थी और कहा था कि इससे ब्लैक मनी पर रोक नहीं लगेगी। आइए जानते हैं कि भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने उस समय क्या-क्या कहा था?

मीनाक्षी लेखी की कही गई मुख्य बातें

- सरकार ने विदेशों में काले धन के मामले को दबाने के लिए 2005 से पहले के नोटों के डिमोनेटाइजेशन का यह गेम खेला है।

- सरकार के पास ऐसा कोई पैमाना नहीं है जिससे यह मापा जा सके कि देश में कितना काला धन है। जिनके पास ब्लैक मनी है, वह फिर से नए नोटों से उनको बदल लेंगे।

- जो अशिक्षित हैं और जिन तक बैंकिंग सुविधा नहीं पहुंची है, उन पर सरकार के इस कदम का सबसे बुरा असर होगा। छोटी बचत वाले और बिना खातों वाले लोगों को इस फैसले के जरिए टारगेट किया गया है।

- ब्लैक मनी वाले लोगों के पास ऐसे सूत्र हैं जिनके जरिए वे अपने कैश को नए नोटों में कन्वर्ट कर लेंगे। सरकार का यह कदम घोर गरीब-विरोधी है क्योंकि भारत की 65 प्रतिशत आबादी के पास बैंक खाते नहीं हैं और वे कैश में ही बचत जमा करते हैं। इनमें से अधिकांश लोग अशिक्षित, गरीब, बुजुर्ग और दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं। बिचौलिए इनको नोट बेकार होने की बात बताकर नए नोट देने के बदले मोटी रकम ऐंठ सकते हैं। पुराना नोट बताकर दुकानदार भी उनसे डिस्काउंट पर नोट लेने की बात कहेंगे और पैसा ठग लेगें।

-आरबीआई यह बताए कि डिमोनेटाइजेशन ने कितनी करेंसीज प्रभावित होंगी, ग्रामीण इलाकों में इनमें से कितनी करेंसीज हैं और कितने गरीबों पर इस कदम का असर होगा। यह गरीब लोगों पर किया गया अनुचित हमला है।

- पी चिदंबरम का यह फैसला पैसे वालों के पक्ष में लिया गया है। देश के करोड़ों मेहनतकश लोगों के हित में यह निर्णय नहीं लिया गया है। जिनके स्विस बैंक में अकाउंट हैं, उन पर इस कदम का कोई असर नहीं होगा। इसका असर उन पर होगा जिनके पास देश के बैंक में कोई खाता नहीं है।

- सरकार का फैसला उनको प्रभावित नहीं करेगा जिनकी बचत डॉलर, यूरो या पाउंड में है। जो पैसों और रुपयों में बचत करते हैं, उन पर इसकी मार पड़ेगी।

सुनिया वीडियो में, भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने उस समय क्या कहा था -

योगेंद्र यादव ने किया ट्वीट-

योगेंद्र यादव ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा वही कर रही है जिसके लिए उसने कांग्रेस का विरोध किया था।

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English summary
Once upon a time in 2014, just before Parliament election, BJP strongly criticize the demonetization move by UPA govt.
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