हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष को हटाने के लिए वीरभद्र ने शुरू की आर-पार की लड़ाई
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में वर्चस्व को लेकर सीएम वीरभद्र सिंह आक्रामक हो गए हैं। अब प्रदेश अध्यक्ष उनकी आक्रामकता को देखकर बैकफुट पर आते दिखाई दे रहे हैं।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में मचा घमासान अब सड़कों पर आ गया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जमानत मिलने के बाद वीरभद्र सिंह पूरी तरह आक्रामक मूड में आ गये हैं। किसी भी सूरत में आने वाले चुनावों से पहले पार्टी की कमान नये अध्यक्ष को सौंपने पर अड़ गये हैं जिससे मौजूदा अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह की कुर्सी खतरे में पड़ गई है।
Read Also: कोर्ट से जमानत के बाद वीरभद्र ने कांग्रेस आलाकमान को दिया कड़ा संदेश
सुखविंदर के खिलाफ वीरभद्र ने खोला मोर्चा
दिल्ली में डटे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पार्टी आलाकमान को दो टूक कह दिया है कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष के तौर पर सुखविन्दर सिंह सुक्खू किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। चुनावों से पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान नये नेता को दी जाये, जो सबको साथ लेकर चले।
मिली जानकारी के मुताबिक, वीरभद्र सिंह उस समय नाराज हो गये जब प्रस्तावित बैठक में पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मौजूद थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी में पार्टी प्रभारी अंबिका सोनी के घर पर बैठक में जाने से साफ मना कर दिया। वीरभद्र सिंह को मनाने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को आगे आना पड़ा, उसके बाद ही बैठक हो पाई। इससे पहले वीरभद्र सिंह ने साफ-साफ मना कर दिया कि सुक्खू की मौजूदगी में वह बैठक में नहीं आएंगे। जबकि सुक्खू इससे पहले अहमद पटेल से मिल चुके थे। जब स्थिति ना वाली पैदा हो गई तो अहमद पटेल के बीच में आने पर वीरभद्र सिंह बैठक के लिए तैयार हुए। उसके बाद अंबिका सोनी के आवास पर बैठक हुई।
हिमाचल कांग्रेस में भारी तनातनी
दरअसल हिमाचल कांग्रेस में सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा। एक ओर पार्टी अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह संगठन चुनावों की तैयारियों में जुटे हैं तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सीधे तौर पर पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ हमलावर रवैया अख्तियार किये हुये हैं। सीएम चाह रहे हैं कि चुनावों से पहले नया पार्टी अध्यक्ष बनाकर सुखविन्दर सिंह को हटाया जाये। उनकी पसंद का नया अध्यक्ष बने ताकि चुनावों में उन्हें टिकट बांटने में में फ्री हैंड मिल सके। लिहाजा अब दोनों नेताओं में चल रही तनातनी सामने आ गई है। इसी के चलते पार्टी आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली तलब किया था।
बैकफुट पर आ गए हैं प्रदेश अध्यक्ष
बताया जा रहा है कि अंबिका सोनी के घर पर दो बैठकें हुईं। पहली बैठक में अंबिका सोनी, अहमद पटेल, वीरभद्र सिंह व सुखविंदर सिंह सुक्खू ही मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी प्रभारी अंबिका सोनी आगे की रणनीति पर कुछ चर्चा करना चाह रहीं थी पर पेंच सुक्खू पर ही फंसा रहा। अहमद पटेल ने मामले को सुलटाने का पूरा प्रयास किया, पर पता तो यही चला है कि वीरभद्र सिंह किसी भी कीमत पर सुक्खू के साथ पार्टी को आगे ले जाने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने इसके पीछे दलीलें भी दी हैं। अंबिका सोनी के घर पर हुई दूसरी बैठक में सीएम वीरभद्र सिंह के साथ-साथ अंबिका सोनी, सुखविंदर सिंह सुक्खू, शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, हर्ष महाजन व युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहे। बताया तो यही जा रहा है कि इस दौरान कुछ राजनीतिक चर्चा हुई कि कैसे चुनाव के मद्देनजर पार्टी को आगे लेकर जाना है। लेकिन इस सबके बावजूद दोनों नेताओं में मतभेद दूर नहीं हो पाये। हालांकि वीरभद्र सिंह के आक्रामक तेवरों को देखते हुये पार्टी अध्यक्ष बैकफुट पर आ गये हैं।
Read Also: आय से अधिक संपत्ति केस में वीरभद्र सहित 9 आरोपियों को जमानत